
उन्नाव(भास्कर)। केन्द्र व राज्य सरकार विश्वव्यापी महामारी को लेकर सफाई व्यवस्था के प्रति अपना शत प्रतिशत भले ही दे रही हो पर भ्रष्ट हो चुकी नगर पालिका अपने सुस्त रवैये से बाज नही आ रही है। मोहल्लों में पसरी गन्दगी से लोगों का जीना मुहाल है। सफाई कर्मचारी व सुपरवाइजर की लापरवाही मोहल्लेवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है।
सफाई अभियान को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार ने काफी समय पहले ही नियमों का पालन करने का आदेश नगर पालिकाओं को दे दिया था। इसके लिए विभिन्न संसाधनों से हर जिले को लैस कर दिया गया है। वर्तमान में चल रहे कोविड संक्रमण के चलते दोनों ही सरकारों ने सफाई को लेकर ठोस कदम उठाए और नगर पालिका को इसका अनुपालन करने के सख्त निर्देश भी दिए है किन्तु उन्नाव पालिका प्रशासन अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का नाम नही ले रही है। पालिका प्रशासन का सुस्त रवैया लोगों के लिए मुसीबत का सबब तो बना ही है साथ ही उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। नगर क्षेत्र के भूरी देवी मोहल्लें का आलम तो यह है कि यहां तीन चार दिनों तक सफाई कर्मचारी आता ही नही।
मोहल्लेंवासियों का कहना है कि यहां कार्यरत सफाई कर्मचारी कभी समय पर नही आता और अगर उससे शिकायत करो तो सुपरवाईजर को दोषी बता अपना पल्ला झाड़ लेता है। मोहल्ले निवासी संजू का कहना है कि यदि सफाई कर्मी की शिकायत सुपरवाइजर से की जाती है तो वो कर्मचारियों का आभाव बता सारा दोष पालिका पर डाल देता है। जिम्मेदारों की लापरवाही मोंहल्लेवासियों के लिए रोगों का खतरा बढ़ा रही है। वही भूरी देवी निवासी राजू का कहना है कि सरकार द्वारा सफाई के नाम पर इतना पैसा आता है तो वह जाता कहां है उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन भ्रष्टाचार की बली चढ़ चुकी है वरना इतने संसाधनों के बाद भी यदि आमजनमानस को कूड़े के ढेरों से होकर गुजरना पड़े तो यह पालिका के लिए बेहद शर्म की बात है। इस बाबत जब पालिका सफाई निरीक्षक संजीव वर्मा से बात करी गई तो उन्होंने यह कह कर फोन काट दिया कि अभी दिखवाता हंू।
सफाई कर्मचारियों और पालिका की उदासीनता से जनता त्रस्त
उन्नाव(भास्कर)। केन्द्र व राज्य सरकार विश्वव्यापी महामारी को लेकर सफाई व्यवस्था के प्रति अपना शत प्रतिशत भले ही दे रही हो पर भ्रष्ट हो चुकी नगर पालिका अपने सुस्त रवैये से बाज नही आ रही है। मोहल्लों में पसरी गन्दगी से लोगों का जीना मुहाल है। सफाई कर्मचारी व सुपरवाइजर की लापरवाही मोहल्लेवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है।
सफाई अभियान को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार ने काफी समय पहले ही नियमों का पालन करने का आदेश नगर पालिकाओं को दे दिया था। इसके लिए विभिन्न संसाधनों से हर जिले को लैस कर दिया गया है। वर्तमान में चल रहे कोविड संक्रमण के चलते दोनों ही सरकारों ने सफाई को लेकर ठोस कदम उठाए और नगर पालिका को इसका अनुपालन करने के सख्त निर्देश भी दिए है किन्तु उन्नाव पालिका प्रशासन अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का नाम नही ले रही है। पालिका प्रशासन का सुस्त रवैया लोगों के लिए मुसीबत का सबब तो बना ही है साथ ही उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। नगर क्षेत्र के भूरी देवी मोहल्लें का आलम तो यह है कि यहां तीन चार दिनों तक सफाई कर्मचारी आता ही नही।
मोहल्लेंवासियों का कहना है कि यहां कार्यरत सफाई कर्मचारी कभी समय पर नही आता और अगर उससे शिकायत करो तो सुपरवाईजर को दोषी बता अपना पल्ला झाड़ लेता है। मोहल्ले निवासी संजू का कहना है कि यदि सफाई कर्मी की शिकायत सुपरवाइजर से की जाती है तो वो कर्मचारियों का आभाव बता सारा दोष पालिका पर डाल देता है। जिम्मेदारों की लापरवाही मोंहल्लेवासियों के लिए रोगों का खतरा बढ़ा रही है। वही भूरी देवी निवासी राजू का कहना है कि सरकार द्वारा सफाई के नाम पर इतना पैसा आता है तो वह जाता कहां है उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन भ्रष्टाचार की बली चढ़ चुकी है वरना इतने संसाधनों के बाद भी यदि आमजनमानस को कूड़े के ढेरों से होकर गुजरना पड़े तो यह पालिका के लिए बेहद शर्म की बात है। इस बाबत जब पालिका सफाई निरीक्षक संजीव वर्मा से बात करी गई तो उन्होंने यह कह कर फोन काट दिया कि अभी दिखवाता हंू।