UP में ब्लैक फंगस का कहर: मेरठ में अब तक 10 लोगो की मौत, झांसी में आंख का ऑपरेशन कर बचाई गई जान

उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को मेरठ में 20 और आगरा में सात मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। वहीं, एक मरीज की मौत हो गई। झांसी में एक मरीज की आंखों का ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई गई। इस तरह प्रदेश में अब मरीजों का आंकड़ा 627 पहुंच चुका है। अब तक 49 मरीजों की मौत हो चुकी है।

मेरठ: 129 मरीज, 10 की मौत
जिले में ब्लैक फंगस से अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं। बीते 24 घंटे में 20 नए मरीज मिले हैं। इस प्रकार ब्लैक फंगस के मरीजों का आंकड़ा जिले में 129 पर पहुंच चुका है। इसमें 33 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। 86 एक्टिव केस हैं। 65 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। इसमें 19 मरीज मेडिकल कॉलेज और बाकी निजी अस्पतालों में हैं।

म‌ेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों को समय पर एंफोटेरोसिन-बी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। एक मरीज को एंफोटेरोसिन की 7 से ज्यादा वायल की आवश्यकता होती है मगर मिल सिर्फ 2 ही मिल पा रही हैं। शासन से इंजेक्शन काफी कम भेजे जा रहे हैं। ऐसे में मेडिकल ‌अस्पताल प्रशासन अब पोसोकोनाजोल टैबलेट से काम चला रहा है। ‌मेडिकल प्रशासन ने कई फार्मा कंपनियों से बात कर आपातकाल स्थिति के लिए यह दवा मंगवाई है। ताकि मरीजों का इलाज चलता रहे। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह खुद ब्लैक फंगस के मरीजों की सूची जांच रहे हैं। सूची के आधार पर जिन मरीजों में संक्रमण अधिक है उन्हें पहले दवा दी जा रही है।

आगरा: सात मरीजों में हुई ब्लैक फंगस की पुष्टि
आगरा में 22 संदिग्ध मरीजों में से 7 लोगों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। जबकि एक मरीज की मौत हो चुकी है। एक की आंख में इंन्फेक्शन बढ़ गया था। इसलिए उसकी आंख निकालनी पड़ी है। नोडल अधिकारी डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस मरीजों के लिए 50 बेड की व्यवस्था है। इसमें से गंभीर मरीजों के लिए 20 बेड एमटी विभाग में हैं। जिनमें से 12 बेड अभी भरे हैं।आईएमए अध्यक्ष डॉ. उपाध्याय ने बताया कि ब्लैक फंगस उन्हीं को होता है, जिनकी शुगर कंट्रोल न हो। स्टेरॉयड देने से ब्लैक फंगस होने की उम्मीद बहुत कम है। यदि किसी को ब्लैक फंगस होता है तो समय से जांच और इलाज कराएं।

झांसी: ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई

झांसी में एक और ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) से ग्रसित एक व्यक्ति की जान बचाई गई। महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस से संक्रमित सीपरी बाजार के नयागांव निवासी बालकृष्ण (60 साल) 2 दिन पहले भर्ती हुए थे। उसको अचानक आंख में सूजन होने लगी। सिर दर्द और नजर कमजोर की शिकायत हुई। मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभागाध्यक्ष जितेंद्र यादव ने दूरबीन के की मदद से फंगस की सफाई की। 2 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में बालकृष्ण की आंख को बचा लिया गया।

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