वाराणसी । प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वाराणसी के ध्वस्त यातायात व्यवस्था पर अफसरों से सख्त नाराजगी जताई हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि काशी में रोजाना लग रहे जाम से आम आदमी को पीड़ा हो रही है जो बर्दाश्त के बाहर हैं। किसी भी कीमत पर काशी की यातायात व्यवस्था में सुधार लाएं वरना कुर्सी छोड़ दें।
दो दिवसीय दौरे पर शहर में आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले दिन रविवार की शाम पूरे तेवर में नजर आये। सर्किट हाउस में देर रात तक चली समीक्षा बैठक में उन्होंने अफसरों की नकेल कसी। वाराणसी में चल रहे विकास परियोजनाओं एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान विकास कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि वाराणसी में बहुत विकास कार्य हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि काशी में कार्य करना सौभाग्य की बात है, अच्छा परिणाम दे, टीम भावना से कार्य करें, देश -दुनिया में संदेश देने के योग्य बनाएं। दीपावली से पूर्व काशी को जगमगा देने का निर्देश देकर मुख्यमंत्री ने छठ पूजा, देव दीपावली, प्रवासी भारतीय सम्मेलन की तैयारियों की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि देश विदेशों से हजारों लोग आएंगे। वह अच्छा संदेश लेकर यहां से जाएं। पूरे नगर की सड़कों के पोलो पर एलईडी लड़ियों से शहर जगमग करें। यहां अच्छे कार्य की अभी भी बहुत संभावनाएं हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सचेत किया कि किसी भी योजना में ओवर रिपोर्टिंग या फेक रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए। सभी विभागों के कार्यों का थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन कराया जाएगा।
कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गुंडई नहीं होनी चाहिए। छात्रों के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करें। अनैतिक वसूली कतई नहीं हो। मात्र इक्का-दुक्का लोग होते हैं जो माहौल खराब करते हैं। बीएचयू का देश विदेश में ऊंचा नाम है, इसे बदनाम नहीं होने दिया जाएगा। पुलिस प्रोएक्टिव होकर कार्य करें।
आधी रात योगी ने मौके पर जाकर लिया ‘विकास’ का जायजा
वाराणसी में दो दिवसीय दौरे पर आये सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास कार्यो और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद देर रात विभिन्न परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर सोमवार को वापस लखनऊ लौट गये।
मुख्यमंत्री के रवानगी के बाद जिला प्रशासन और उनके सुरक्षा में तैनात जवानों ने भी राहत की सांस ली। रविवार की शाम शहर में आये मुख्यमंत्री ने संस्कृत भारती के संगोष्ठी में भाग लेने के बाद सर्किट हाउस में कानून व्यवस्था और विकास कार्यो की समीक्षा बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नवंबर में लोकार्पित की जाने वाली परियोजनाओं बाबतपुर फोरलेन, रिंग रोड और रामनगर मल्टी मॉडल टर्मिनल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इन परियोजनाओं से जुड़े शीर्ष अफसरों को बचे कार्यो को समय सीमा से पहले खत्म करने का भी निर्देश दिया।
निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री सबसे पहले बाबतपुर से लेकर वाराणसी तक तैयार किए जा रहे रिंग रोड का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां फर्स्ट फेज का काम खत्म हो जाने के बाद मुख्यमंत्री ने सेकंड और थर्ड फेज के कार्य को देखा। यहां से मुख्यमंत्री का काफिला सीधे रामनगर पर बनाए जा रहे मल्टी हब बंदरगाह पर पहुंचा। यहां मुख्यमंत्री ने पूरे प्रोजेक्ट की गम्भीरता से जानकारी ली और इसे जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। यहां से मुख्यमंत्री विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निरीक्षण करने रात 1:30 बजे पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। अफसरों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर महीने में ही विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का भी शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री ने अफसरों से सख्त लहजे में कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।
इसके पूर्व राल्हूपुर बंदरगाह पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमें विश्वास है कि नवंबर माह में रामनगर मल्टी मॉडल टर्मिनल को प्रधानमंत्री राष्ट्र को समर्पित कर देंगे। उन्होंने कहा कि टर्मिनल के चालू होने से काशी से हल्दिया तक हर माह एक लाख टन की माल की ढुलाई आसान से होगी। इससे माल भाड़े में कमी आएगी और सामान सस्ते होंगी। यहां से व्यापारी और किसान कोलकाता के रास्ते अपने सामान राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेज सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाने में भी जल परिवहन बनाए रखने से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों, व्यापारियों के सामान को कोलकाता के माध्यम से दुनिया के विभिन्न देशों तक पहुंचाने में खासतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में पहुंचाने में मदद मिलेगी। निरीक्षण के दौरान राज्यमंत्री डा.नीलकंठ तिवारी भी मौजूद रहे।