
रिज़र्व फारेस्ट के समीप तारो का बाड़ बना जंगल का होना चाहिये घेराव।
मानव वन्यजीव संघर्ष से बचाव हेतु लोकसभा में दो बार रिज़र्व फारेस्ट को घेरवाने की कर चुके है बात।
अवैध कटान रोकने हेतु क्षेत्रीय जनता का सहयोग ले वन विभाग।
चित्र परिचय:001- वन जीव जंतु व वन सम्पदा के बचाव हेतु अपनी राय रखते सांसद अक्षयवर लाल गौड़
मिहींपुरवा/बहराइच l कर्तनिया वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर वन विश्राम गृह में वन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे सांसद बहराइच अक्षयवरलाल गौड़ क्षेत्र में हो रहे जंगली जीव जंतुओं के हमले व उनसे बचाव तथा मानव वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम हेतु काफी गम्भीर दिखे। कार्यक्रम में पूछे गए सवाल के जवाब में सांसद बहराइच ने कहा कि यदि तेंदुआ या बाघ किसी ग्रामीण पर हमला कर दें तो जंगली जीव जंतु को दोषी नही ठहराया जा सकता किंतु यदि ग्रामीणों की ओर से कोई प्रतिक्रिया की जाये तो वन विभाग सैकड़ो ग्रामीणो पर मुकद्दमा दर्ज कर देता है। वन्य जीवो का हमला निश्चित ही गम्भीर समस्या है सरकार की इस समस्या पर ध्यान आकर्षित कराने हेतु लोकसभा में दो बार आवाज़ भी उठा चुके है वन विभाग रिज़र्व फारेस्ट के बीस तीस किलो मीटर दायरे के आसपास तारो का बाड़ लगा कर फारेस्ट का घेराव करा ले जिससे हिंसक जीव जंतु आबादी इलाके में न जा सके तथा जंगल में ही सुरक्षित रहें। उन्होने कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते क्षेत्र की समस्याओं को हम लोकसभा में बार बार उठाते रहे हैं।
अवैध कटान रोकने हेतु क्षेत्रीय जनता का सहयोग ले वन विभाग। वन माफियाओं के दबाव में न आयें ग्रामीण।
बहराइच के सांसद अक्षयवर लाल गौड़ ने कहा कि अवैध कटान पर काफी हद तक रोक लगायी गयी है किंतु अभी भी कुछ स्थानो पर चोरी छुपे अवैध कटान की जा रही है उन स्थानो को चिह्नित कर वन विभाग को सूचना दी गयी है। उन्होंने कहा कि अवैध कटान रोकने हेतु क्षेत्र की जनता को भी जागरुक होना होगा किन्तु जो भी लोग अवैध कटान करते हैं वो माफिया प्रवृत्ति के होते हैं इस कारण जनता उनकी सूचना देने में पीछे हट जाती है। वन विभाग को चाहिये कि वह ग्रामीणो में विश्वास व जागरुकता पैदा कर जन सहयोग लेते हुये अवैध कटान पर रोक लगाये व वन माफियाओं पर सख्त से सख्त कार्यवाही करे।