मिर्जापुर। लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के बाद राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद और अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन उसके समर्थन में उतर आया है। डीजीपी के मना करने के बावजूद सिपाहियों ने 5 अक्तूबर यानी आज अपना विरोध दर्ज कराया। इसी क्रम में ज्यादातर सिपाहियों ने अपनी व्हाट्सअप की प्रोफाइल फोटो ब्लैक कर दी है। पुलिस कर्मचारी परिषद के जनरल सेक्रेटरी अविनाश पाठक ने सरकार और पुलिस के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विवेक तिवारी हत्याकांड में दोनों सिपाहियों को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि संगठन चुप नहीं बैठेगा। आज काला दिवस मनाने के साथ विरोध के लिए 6 अक्तूबर को इलाहाबाद में अगली बैठक होगी।
आत्मरक्षा में सिपाही ने चलाई गोली
पुलिस कर्मचारी परिषद के जनरल सेक्रेटरी अविनाश पाठक ने कहा कि पुलिस के बड़े अधिकारियों ने एक तरफा कार्रवाई की है। सिपाहियों पर जुल्म किया जा रहा है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। विवेक तिवारी ने आरोपी पुलिसवालों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किसा था। उसने सिपाही को कुचलने की कोशिश की। इसलिए सिपाही ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलाने के अलावा पुलिस के जवानों के पास कोई अन्य रास्ता नहीं था।
आईपीएस को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं
बर्खास्त सिपाही अविनाश पाठक ने कहाकि पुलिस रेगुलेशन एक्ट में ये नहीं कहा गया है कि अगर किसी पुलिसकर्मी पर मुकदमा दर्ज किया गया है तो उसे बर्खास्त कर दिया जाए। जो मामला कोर्ट में विचाराधीन हो उस मामले में कोई भी आईपीएस बर्खास्त नहीं कर सकता है।
बैठक में शामिल होंगे पुलिस की 22 शाखाएं
यूपी पुलिस कर्मचारी परिषद के जनरल सेक्रेटरी अविनाश पाठक ने बताया कि 6 अक्तूबर को इलाहाबाद में होने वाली बैठक में यूपी पुलिस की 22 शाखाएं शामिल होंगी। इस बैठक में सबको बुलाया जा रहा है। जिसमें शामिल होने के लिए पूरे प्रदेश के लोगों को आने की संभावना है। साथ ही उन्होने ये भी कहा कि व्यक्तिगत रूप से मीटिंग में एक जनवरी से पूरे विभाग के पुलिस के जवानों के अवकाश पर जाने का प्रस्ताव मीटिंग में रखेंगे।