वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा- रूसी आक्रमण के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ता रहेगा यूक्रेन

कीव । यूक्रेन और रूस के बीच का युद्ध आज 14वें दिन में प्रवेश कर चुका है रूस युद्ध से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, यूक्रेन के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि, उनका देश रूस के आक्रमण के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ता रहेगा. जेलेंस्की ने ब्रिटेन की संसद को संबोधित करते हुए इस बात की जानकारी दी. जेलेंस्की ने ब्रिटिश सांसदों से कहा कि ‘हम हार नहीं मानेंगे और हारेंगे भी नहीं. बता दें कि, इससे पूर्व यूक्रेन ने खारकीव में रूसी मेजर जनरल विटाली गेरासिमोव को मार डाला है. वहीं दूसरी तरफ, यूक्रेन के शहर सूमी पर रूसी बमबारी में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है।

कीव पर बड़े हमले का अलर्ट जारी

कीव पर बड़े हमले का अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं, अमेरिका ने रूसी गैस, तेल और ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूक्रेन के 44 वर्षीय नेता जेलेंस्की ने वीडियोलिंक के माध्यम से निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ को संबोधित करते हुए ऐतिहासिक भाषण दिया. जेलेंस्की का सांसदों ने खड़े होकर अभिवादन किया।

किसी भी कीमत पर हार नहीं- जेलेंस्की

जेलेंस्की ने ब्रिटेन की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि उनका देश रूस के आक्रमण के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ता रहेगा. जेलेंस्की ने ब्रिटिश सांसदों से कहा कि हम हार नहीं मानेंगे और हारेंगे भी नहीं. जेलेंस्की ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को संबोधित करते हुए कहा, हम पश्चिमी देशों की सहायता के लिए आपकी मदद चाहते हैं. हम इस मदद के लिए आभारी हैं और बोरिस, मैं आपका आभारी हूं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, कृपया इस देश (रूस) के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाएं और कृपया इस देश को एक आतंकवादी देश घोषित करें. कृपया सुनिश्चित करें कि हमारे यूक्रेन का आसमान सुरक्षित रहे।

अमेरिका पर पड़ा रूस-यूक्रेन हमले का असर

यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई  के लगभग दो सप्ताह हो चुके हैं. कई देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद रूस की आक्रामकता कम नहीं हो रही. ताजा घटनाक्रम में रूस से अमेरिका तेल आयात पर बैन लगाया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक घोषणा में कहा, हम रूसी गैस, तेल और ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. रूस ने आज यूक्रेन में मानवीय संघर्ष विराम की घोषणा की।

रूस ने ‘साइलेंस मोड’ घोषित किया

रूस ने यूक्रेन में नागरिक आबादी को निकालने के लिए आज सुबह मानवीय संघर्ष विराम की घोषणा की है. स्पुतनिक समाचार एजेंसी ने बताया कि रूस ने ‘साइलेंस मोड’ घोषित किया है और कीव सहित कई शहरों से मानवीय गलियारे प्रदान करने के लिए तैयार है.यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब दोनों पक्षों ने मानवीय गलियारों को बाधित करने के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया है।

रूसियों ने कहा कि वे चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव, मारियुपोल और जपोरिजिया से गलियारे प्रदान करने के लिए तैयार हैं. मानवीय समन्वय केंद्र के प्रमुख मिखाइल मिजिन्त्सेव ने कहा कि रूस ने फिर से यूक्रेन को नागरिकों की वापसी के लिए मार्गों पर सहमत होने की पेशकश की।

पोलैंड देगा अमेरिका को लड़ाकू विमान

यूक्रेन की मदद के लिए पोलैंड ने अमेरिका को लड़ाकू विमान देने का प्रस्ताव रखापोलैंड ने यूक्रेन की सेना की मदद करने के लिए अमेरिका को अपने सभी एमआईजी-29 लड़ाकू विमान देने का प्रस्ताव दिया है. इस संबंध में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह प्रस्ताव उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के लिए गंभीर चिंताएं पैदा करता है और यह योजना तर्कसंगत नहीं है।

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए जर्मनी स्थित अमेरिका/नाटो सैन्य अड्डे से विमानों के रवाना होने संबंधी संभावना चिंताजनक है। मैकडॉनल्ड्स, स्टारबक्स, कोका-कोला, पेप्सिको ने रूस में व्यापार अस्थायी रूप से किया निलंबितमैकडॉनल्ड्स, स्टारबक्स, कोका-कोला, पेप्सिको और जनरल इलेक्ट्रिक जैसे कई वैश्विक ब्रांड ने घोषणा की है कि वे यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में रूस में अपने व्यापार को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहे हैं।

मैकडॉनल्ड्स के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) क्रिस केम्पचिंस्की ने कर्मचारियों को भेजे एक पत्र में कहा, हमारे सिद्धांतों के अनुसार, हम यूक्रेन में लोगों को हो रही अनावश्यक पीड़ा को नजरअंदाज नहीं कर सकते. शिकागो स्थित बर्गर की दिग्गज कम्पनी ने कहा कि वह अस्थायी रूप से 850 स्टोर बंद कर देगी, लेकिन रूस में अपने 62,000 कर्मचारियों को भुगतान करना जारी रखेगी, जिन्होंने हमारे मैकडॉनल्ड्स ब्रांड के लिए अपना खून-पसीना लगाया है।

भारत की बात करें तो, युद्धग्रस्त यूक्रेन के सुमी इलाके में फंसे सभी भारतीय छात्रों को ऑपरेशन गंगा के जरिए सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उन्हें कुछ अनहोनी की आशंका थी, लेकिन भारतीय छात्रों को निकालने का उनका मिशन सफल रहा।

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