इंतज़ार ख़त्म : भारत रत्न अंबेडकर की 70 फुट ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ नॉलेज का इस दिन होगा अनावरण

नई दिल्ली। भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की 131 वीं जयंती के अवसर पर 13 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर में 70 फुट ऊंची प्रतिकृति “स्टेच्यू ऑफ नॉलेज” का अनावरण केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू करेंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले, पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और राज्यमंत्री संजय बनसोडे डा. अंबेडकर पर लिखित “डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर: व्यक्तित्व, वक्तृत्व तथा कृतित्व” पुस्तक का विमोचन भी करेंगे। “स्टेच्यू ऑफ नॉलेज” का निर्माण स्टील के ढांचे को खड़ा कर फाइबर की मदद से किया गया है।

लातूर के सांसद सुधाकर तुकाराम श्रृंगारे ने यहां बताया कि उनके मस्तिष्क में एक भाव उमड़ा कि उनके गृह जनपद लातूर में बाबासाहब की ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया जाए। इस संकल्पना का विचार उमड़ते ही उन्होंने उसे मूर्त रूप देने के लिए वह तन्मयता से जुट गए। श्रृंगारे ने महाराष्ट्र में बाबासाहब की पहली 70 फुट ऊंची प्रतिकृति ‘स्टैच्यू ऑफ नॉलेज’ का अनावरण उनके जन्मदिवस 14 अप्रैल की पूर्वसंध्या पर आगामी बुधवार को लातूर के भारतरत्न बाबासाहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब संविधान के निर्माता होने के साथ ही अपार ज्ञान के भंडार भी थे, इसलिए उन्होंने उनकी प्रतिमा का नाम ‘स्टेच्यू ऑफ नॉलेज’ रखा है। इससे देश की भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।

डॉ. बाबासाहब अंबेडकर जयंती उत्सव समिति के बैनर तले किए जाने वाले इस भव्य समारोह के शुभ अवसर पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर: व्यक्तित्व, वक्तृत्व तथा कृतित्व’’ पुस्ततक का विमोचन भी किया जायेगा। जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्र की महान विभूतियों ने बाबासाहब, उनके भगीरथ कार्यों, संकल्पनाओं तथा विजन पर अपने अमूल्य विचार रखे हैं।

श्रृंगारे ने आगे बताया कि यह पुस्तक प्रकाशित करने के पीछे उनकी मंशा रही कि भारतरत्न बाबासाहब डा. भीमराव अंबेडकर के विचार आज के युवावर्ग तथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहें, ताकि उन्होंने जो सामाजिक समता का सपना देखा था, उसे पूरा किया जा सके। बाबासाहब के चुनिंदा श्रेष्ठ लेखों तथा भाषणों को भी प्रमुखता से स्थान दिया है ताकि आम जन उनसे प्रेरणा ले अपने जीवन को सार्थक बना सकें ।

सांसद सुधाकर तुकाराम श्रृंगारे ने कहा कि बाबासाहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से सही अर्थों में लोकतान्त्रिक मूल्यों की नींव रखी थी। उनका मानना था कि, किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहां के समाज का, राष्ट्र के सम्बन्ध में सुख-दु:ख, यश-अपयश के प्रति विचार एक ही जैसा होना चाहिए। इसीलिए हमारा संविधान हमारे लोकतंत्र का रक्षक है। वर्तमान परिस्थिति और परिवेश में बाबासाहब की विचारधारा और अधिक प्रासंगिक हो जाती है। देश भर में वे दलितों और समाज के हाशिए पर धकेल दिए वर्ग के मुक्तिदाता के रूप में जाने जाते हैं।

सांसद सुधाकर तुकाराम श्रृंगारे ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार समाज के सभी वर्गो, विशेषकर दलितों, पिछड़ों व आदिवासी लोगों के उत्थान और विकास के लिए लगातार काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने डा. बाबासाहेब अंबेडकर से संबंधित सभी 5 पवित्र स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और उस पर तेजी से काम भी चालू हो गया है।

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