आजमगढ़. पूर्वांचल में मौसम में एकाएक हुए बदलाव ने आम आदमी की मुश्किल बढ़ा दी है। एक तरफ जहां रिमझिम बरसात हो रही है तो दूसरी तरफ तापमान लगातार गिर रहा है। बरसात से गेहूं, तिलहन और दलहन फसलों को लाभ हुआ है लेकिन अभी तमाम किसान धान नहीं बेच पाए हैं। जिससे उनका धान खलिहान अथवा क्रय केंद्र पर भीगकर खराब हो रहा है। इससे लोग परेशान हैं। आगे भी मौसम खराब रहने की संभावना जाताई जा रही है। वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो तापमान में गिरावट का सिलसिला भी जारी रह सकता है। अगले महीनें में ही तापमान बढ़ने और ठंड से राहत मिलने की उम्मीद है
पिछले चौबीस घंटों की बात करें तो आजमगढ़ व आसपास के जिलों में अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.5 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.5 डिग्री कम है। आर्द्रता अधिकतम 75 से 94 फीसद के मध्य रही। कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के मौसम वैज्ञानिक डा. तेजप्रताप सिंह के मुताबिक आगे भी आसमान में बादल छाए रहेंगे। छिटपुट बरसात होने की संभावना बनी हुई है। कुछ क्षेत्रों में बरसात हुई भी है।
मौसम की वजह से कोहरा और गलन की समस्या बनी रहेगी। मौसम में यह बदलाव अनुरूप ही है। पश्चिमी हवाओं के असर से गलन का असर पर्याप्त बना हुआ है। मैदानी इलाकों में पहाड़ों से चलने वाली हवाएं जल्द ही बसंती हवा के रूप में पखवारे भर में असर करने लगेंगी। हालांकि, पहाड़ों पर बर्फबारी का असर पखवारे भर के बाद कम होने लगेगा और मध्य मार्च तक ठंड का पूरा असर खत्म हो जाएगा।