कानपुर। समुद्री चक्रवात असनी कई दिनों से अपनी मजबूत स्थित बनाये हुआ था, लेकिन आज सुबह साढ़े पांच बजे कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया है। वर्तमान में असनी आंध्र प्रदेश तट से मछलीपट्टनम के पश्चिम में है। यह धीरे-धीरे उसी क्षेत्र में एक अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव वाले क्षेत्र में पतित हो जाएगा, क्योंकि यह व्यावहारिक रुप से स्थिर है। यह बातें गुरुवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई और कवाली में 124 मिमी, ओंगोल में 119 मिमी, कडप्पा में 53 मिमी, काकीनाडा में 34 मिमी, बापटला में 30 मिमी और कलिंगपट्टनम में 14 मिमी बारिश दर्ज की गई। आंध्र प्रदेश में बारिश और गरज के साथ बारिश की गतिविधियां काफी कम होने की उम्मीद है। हमें इस मौसम प्रणाली के कारण ओडिशा या गंगीय पश्चिम बंगाल के लिए किसी खतरे की उम्मीद नहीं है। आंध्र प्रदेश के तट पर पहुंचते ही चक्रवात आसनी ने अपनी तीव्रता खो दी। समुद्र की सतह का तापमान तटीय क्षेत्रों में कम हो गया है। इसके अलावा समुद्र की गर्मी की मात्रा भी काफी कम हो गई है, जिससे मौसम प्रणाली कमजोर हो गई है। चक्रवात ने दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर मानसून की शुरुआत के लिए गेंद को घुमाया है। दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे बंगाल की खाड़ी के ऊपर दक्षिण-पश्चिमी हवाएं तेज हो गई हैं। हमें उम्मीद है कि दक्षिण अंडमान सागर में मानसून समय से पहले शुरु हो जाएगा।