जब प्रभु श्रीराम ने किया हिन्दू नववर्ष का “अभिनंदन”….

जी पी अवस्थी/सचिन तिवारी
सनातन मंदिर चेतना सोसायटी के तत्वावधान में सनातन हिन्दू नववर्ष का अभिनंदन समारोह शहर के मर्चेंट चेम्बर सभागार में बड़े ही उत्साह व शालीनता के साथ मनाया गया ।

इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि मुख्य भूमिका में स्वयं प्रभु श्रीराम रहे व उन्हीं की अध्यक्षता में सारे कार्यक्रम की व्यवस्था श्री हनुमान जी ने संभाली । श्री बद्रीनाथधाम से पधारे पूज्य संत श्री गणेश्वरानंद सरस्वती, चिन्मय मिशन के पूज्य संत गंगेशानंद सरस्वती, दिव्यानंद आश्रम के संत पूज्य विनोदानंद जी के कर कमलों से प्रभु श्रीराम के सम्मुख दीप प्रज्जवलन एवं पुष्पार्चन के बाद कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। डॉ कमल मुसद्दी की सरस्वती वंदना के समय ऐसा लगा कि मां सरस्वती आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हो गईं।

स्वामी गणेश्वरानंद सरस्वती* ने राष्ट्र की अवधारणा तथा सनातन हिन्दू नववर्ष के महत्व पर अपनी विशेष शैली में प्रकाश डाला। नरसेवा नारायण सेवा संस्थान के प्रमुख अवध बिहारी मिश्र ने बताया कि हिंदू नववर्ष ही वास्तव में वैज्ञानिकता पर आधारित नव वर्ष है। अतः हम सब इस अब अपना भारतीय नववर्ष ही और जो अन्य नव वर्ष है जो वैज्ञानिकता पर आधारित नहीं है उनको छोड़ने के लिए प्रवृत्त हों। सभी पूज्य संतों ने समाज को यह संदेश दिया कि अब हम अपना नववर्ष चैत्र प्रतिपदा से ही मनायेंगे।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में एच.बी.टी.आई. के प्रोफेसर व वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने भारतीय नववर्ष पर अत्यंत सुंदर व्याख्यान दिया। “द मौरल” के संपादक शिवशरण अवस्थी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के विशिष्ट आयामों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का संचालन संस्था के सदस्य श्री अशोक गुप्त ‘अचानक’ ने किया। संस्था के सहयोगी अनिल पांडेय, विनय मिश्र, राजेंद्र गुप्ता व राजीव अग्निहोत्री, प्रमोद शुक्ला, स्वतंत्र प्रकाश चतुर्वेदी एवं महेश तिवारी ,उपेंद्र पाल सिंह , मनोज द्विवेदी , शशिकांत पांडे (सभी पूर्व उपाध्यक्ष कानपुर बार एसोसिएशन),शरद शुक्ला दुर्गेश शुक्ला, श्याम दीक्षित, कुलदीप तिवारी ,विकास गौड़ आदि उपस्थित रहे

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