आखिर क्यों इंस्पेक्टरों को नही मिल पा रहा थानों चार्ज, दर्जनभर थानों पर दरोगाओं का कब्जा

शहजाद अंसारी
बिजनौर। योगी सरकार जहां लोगो की सुरक्षा के लिए कृतसकंल्प है लेकिन योगी सरकार की इस मंशा का जनपद में उल्टा असर देखने को मिल रहा है। जनपद के दर्जनभर थानें इंस्पेक्टरों के न होने से दरोगाओं के बलबूते चल रहे है। दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद गैर जनपद से आए इंस्पेक्टरों की थानों में नई तैनाती न होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
 मालूम हो कि 04 बीती फरवरी को जनपद के दर्जनभर से ज्यादा थानों के इंस्पेक्टरों का तबादला ग़ैर जनपद के लिए कर दिया गया। तबादले के बाद जनपद के इंस्पेक्टर अपना अपना थाना व कोतवाली छोडकर गैर जनपद चले भी गए तथा गैर जनपद से आने वाले अधिकतर इंस्पेक्टरों ने बिजनौर जनपद में अपनी आमद भी कराली है। लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी इंस्पेक्टरों को थानों का चार्ज न मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि रविदास जयंती और होली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के साथ साथ लोकसभा चुनाव भी सर पर हैं ऐसे में अराजक तत्व किसी भी घटना को अंजाम देने के फिराक में रहते है जिस कारण अतिरिक्त सुरक्षा व सतर्कता की जरूरत होती है लेकिन तबादलों के दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद तबादलों पर गए इंस्पेक्टरों के स्थान पर नई तैनाती न होने से अधिकारियों पर कई सवाल खडे हो रहे है।
यदि सूत्रों की माने तो थानों व कोतवाली का चार्ज लेने के लिए आम तौर पर इंस्पेक्टर बिलबिलाए रहते हैं इतना ही नही अधिकारियों पर दबाव बनाकर चार्ज पाने के लिए भारी अटैची लेकर सत्ताधारियों की चौखट पर माथा टेकते दिखाई देते है।
लेकिन इस बार कोई भी इंस्पेक्टर तैनाती में रुचि नही दिखा रहा क्योंकि नई तैनाती किसी भी इंस्पेक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण ही नहीं सरदर्द वाला और खर्चीला तो है ही साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद उसका तबादला भी तय है ऐसे में कोई कांटो का ताज नहीं पहनना चाहता। क्योंकि धामपुर व नगीना में पिछले वर्ष होली के त्यौहार पर बवाल भी हो चुका है ऐसे में होली का जुलूस निकलवाना कम चुनौतीपूर्ण नहीं है वहीं लोकसभा चुनाव में ऊबा देने वाली भागदौड़ से बचना चाहते हैं।