नेताजी बोस की जयंती पर राहुल गांधी के पोस्ट को लेकर क्यों हुआ विवाद?

भारत की आज़ादी की लड़ाई के महान योद्धा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को आज (23 जनवरी) पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से लेकर प्रधानमंत्री मोदी समते देश के तमाम नेताओं ने बोस को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया है। पीएम मोदी ने बोस को याद करते हुए लिखा, “पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।” लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बोस को याद करते हुए पोस्ट किया है जिसे लेकर विवाद हो गया है। राहुल ने अपनी पोस्ट में लिखा, “महान क्रांतिकारी, आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि। नेताजी का नेतृत्व, साहस, सामाजिक न्याय के लिए उनका संघर्ष, सहिष्णुता और समावेशिता के प्रति उनका योगदान आज भी हर भारतीय को प्रेरित करता है। भारत माता के अमर सपूत को मेरा सादर नमन, जय हिंद!” इस पोस्ट के साथ राहुल गांधी ने नेताजी का एक फोटो भी शेयर किया है। इस फोटो में राहुल गांधी ने नेताजी की जन्मतिथि के साथ-साथ उनकी कथित मृत्यु की तारीख (18 अगस्त 1945) भी लिखी थी और इसे लेकर ही हालिया विवाद शुरू हुआ है।
राहुल गांधी द्वारा शेयर की गई तस्वीर
18 अगस्त को नेताजी के निधन से जुड़े राहुल गांधी के पोस्ट को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। 18 अगस्त को नेताजी की प्लेन क्रैश में मृत्यु होने के दावे को लेकर तमाम तरह के शोध किए गए हैं। हाल ही में नेताजी के साथ प्लेन में जापानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सुनामासा शिदेई की मृत्यु को लेकर भी चीन से नए दावे सामने आए हैं जिससे प्लेन क्रैश की थ्योरी पूरी तरह फेल हो जाती है। नेताजी की कथित मृत्यु के बाद उसी एयरपोर्ट पर उनके डॉक्टर कर्नल रामचंद्र राव से मिलने से जुड़े तथ्य भी लोगों के सामने हैं। नेताजी की कथित मृत्यु की जांच के लिए बने सबसे नए मुखर्जी कमीशन ने भी उनकी मृत्यु प्लेन क्रैश में ना होने का निष्कर्ष दिया था। मुखर्जी कमीशन ने अपनी रिपोर्ट के निष्कर्षों में बताया था कि ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हो चुकी है’, ‘उनकी मृत्यु विमान दुर्घटना में नहीं हुई, जैसा कि दावा किया गया है’ और ‘जापानी मंदिर में रखी अस्थियां नेताजी की नहीं हैं’।
मुखर्जी कमीशन के निष्कर्ष
इस कमीशन ने 17 मई 2006 को अपनी रिपोर्ट भारतीय संसद को सौंपी थी लेकिन तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने इसके निष्कर्षों का खारिज कर दिया था। बेशक सरकारी तौर पर नेताजी के निधन पर अपनी स्पष्टता नहीं है लेकिन तमामों मौजूद तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि उनका निधन प्लेन क्रैश में 18 अगस्त 1945 को नहीं हुआ था।

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