गुरुग्राम में मुकेश शर्मा पहलवान पर दांव लगाएगी भाजपा ?


श्याम प्रेमी ब्राह्मण नेता और जमीन पकड़ के रुप में है बड़ी पहचान
भास्कर समाचार सेवा 

गुरुग्राम। इस वर्ष भाजपा को हरियाणा की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली द्रोण नगरी गुरुग्राम में लगातार तीन बड़े चुनावों का सामना करना है। साल के पहले पखवाड़े में लोकसभा दूसरे अथवा तीसरे में नगर निगम और अंतिम पखवाड़े में हरियाणा विधानसभा चुनाव होने हैं। जातीय समीकरणों को साधने के लिए भाजपा को यहां एक जनाधार वाले मजबूत ब्राह्मण नेता की जरूरत विधानसभा चुनाव में महसूस हो रही है।

क्योंकि लोकसभा के लिए उसके पास मौजूदा सांसद व केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुधा यादव जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। इसके अलावा जिला अध्यक्ष के पद पर हरियाणा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कमल यादव की नियुक्ति के बाद यादव कोटा पूरा हो गया है। चूंकि संभावना इस बात की है कि आगामी नगर निगम में मेयर की रुप में भाजपा पंजाबी चेहरे के तौर पर प्रदेश सचिव व पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, पंजाबी बिरादरी महासंठन के प्रधान बोधराज सीकर का नाम आगे कर सकती है। जबकि खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाबी बिरादरी से आते हैं इसलिए इस प्रगतिशील समुदाय की दावेदारी यहीं समाप्त हो जाती है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में उसे ऐसे शक्तिशाली ब्राह्मण चेहरे की आवश्यकता होगी जो दो लाख से अधिक ब्राह्मणों और बाक़ी जातियों को भी भाजपा के पक्ष में लामबंद कर सके। गुड़गांव में भाजपा के पास यूं तो काफी मजबूत ब्राह्मण नेता हैं लेकिन मुख्य तौर पर मुकेश शर्मा पहलवान की दावेदारी यहां के राजनीतिक समीकरण में फिट बैठती है। उनका न केवल अपनी विरादरी में अच्छा प्रभाव है बल्कि क्षेत्र के लाखों खाटूश्यामजी प्रेमी उन्हें अपना नेता मानते हैं। उनके द्वारा लगातार किए जा रहे अनेकों कल्याणकारी और सामाजिक कार्यों से दूसरी सभी छत्तीस बिरादरी में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। ऐसे में मुकेश पहलवान भाजपा के लिए बड़े हथियार बन सकते हैं। चूंकि पिछले 10 सालों में भाजपा ने यहां वैश्य समुदाय से विधायक दिया है और बाकी दूसरे पद यादवों और पंजाबी समुदाय को मिले हैं ऐसे में ब्राह्मणों को साधने के लिए मुकेश शर्मा भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़े हथियार बन सकते हैं । बाकी राजनीति में कब क्या हो जाए कहना मुश्किल है लेकिन पूरी संभावना है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा गुड़गांव की सोहना सीट पर राजपूत, पटौदी दलित, बादशाहपुर यादव और गुड़गांव में ब्राह्मण के लिए रास्ता खोल सकती है।‌

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