
राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में चल रही सियासी खींचातान थमने का नाम नहीं ले रही। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव (Congress President Election) लड़ने से इनकार कर दिया है, तब से चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या वे अपने मौजूदा पद पर बने रहेंगे या उन्हें इस पद से इस्तीफा देकर सजा का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सजा की बात इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि अशोक गहलोत ने पिछले दो दिनों के घटनाक्रमों को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से इसके लिए माफी मांगी है। ऐसे में सोनिया गांधी माफी देंगी या फिर राजनीति नई करवट लेगी, यह देखना भी दिलचस्प होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। क्या वे राजस्थान के सीएम रहेंगे, इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया था कि यह मैं तय नहीं कर सकता। हाईकमान सोनिया गांधी ही यह तय कर सकती हैं। उनके इस जवाब के बाद से चर्चा चल पड़ी कि अशोक गहलोत सीएम पद को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
#RajasthanCongressCrisis | Delhi: Decision on CM of Rajasthan to be decided by Congress president Sonia Gandhi within 1-2 days: Congress General Secretary KC Venugopal on whether Ashok Gehlot will remain Rajasthan CM pic.twitter.com/eNqTbyWlYR
— ANI (@ANI) September 29, 2022
मीडिया ने जब इससे जुड़ा सवाल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि राजस्थान के सीएम पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एक से दो दिन में करेंगी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर तटस्थ हैं। आइए कल का इंतजार करें, हमें एक स्पष्ट तस्वीर मिलेगी।
गहलोत के विश्वासपात्र महेश जोशी ने कही यह बात
सीएम अशोक गहलोत के विश्वासपात्र राज्य मंत्री महेश जोशी से जब उनके कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव न लड़ने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो कहा कि सीएम गहलोत ने आज जो उदाहरण रखा है, उसकी जितनी सराहना की जाए वो कम है। उन्होंने कभी भी पार्टी आलाकमान के आदेशों की अवहेलना नहीं की। अगर पार्टी हमें आधिकारिक नोटिस भेजती है, तो हम अपना पक्ष रखेंगे।