कांशीराम आवासों में बिन बिजली सब सून


किशनी/मैनपुरी- मायावती सरकार के दौरान कस्बे के गांव खड़ेपुर व जिजई के पास बनाये गये 156 गरीब शहरी आवासों में बिना बिजली के लोग बेहद परेशान हैं। इसका कारण है कि बिल जमा न करने पर विभाग ने उनके कनेक्शन काट दिये हैं। नगर पंचायत में कांशीराम आवासों का कनैक्शन बिजली विभाग द्वारा का दिये जाने से आवासों में रहने वाले लोग बेहद परेशान हंै। लोगों का कहना है कि यदि उनके पास सर ढकने के लिये छत होती और बिजली का बिल चलाने के लिये पैसे होते तो वह अपने घरों में ही रहते ना कि सरकारी आवासों में। गौरतलब है कि इन आवासों में रहने वाले परिवारों अधिकतर महिलायें कस्बे के घरों में चैका बर्तन तथा झाड़ू पौंछा इत्यादि का काम करतीं हैं। उनके बच्चे और पति भी मजदूरी आदि करके किसी तरह दो जून की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं। उन गरीबों के शरीर पर ज्यादातर फटे कपड़े दिखते हैं। बच्चे नंगे पांव चलने को मजबूर हैं।

यदि एक दिन दिहाड़ी न मिली तो अगले रोज भूखे पेट ही सोना पडता है। घर में बीमार हो जाय तो दो ही चारे सामने नजर आते हैं पहला सरकारी अस्पताल दूसरा झाडफूंक द्वारा इलाज। ऐसे में वह बिजली का बिल अदा करें तो कैसे। कइयों का कहना है कि जितना बिल बिजली विभाग के कर्मचारी मांगते हंै उतने पैसे तो उन्होंने अपनी जिन्दगी में देखे भी नहीं हंै। तो बिजली विभाग का बिल कैसे भरें। उनका कहना है कि रात के अंधेरे में सांप बिच्छू के अलावा आपराधिक तत्वों का भी आवासों में आना प्रारम्भ हो गया है।

एक महिला ने बताया कि कुछ दिन पूर्व एक ब्यक्ति ने अंधेरे का फायदा उठा कर एक ब्यक्ति पर फायर झौंक दिया था। पर निशाना चूकने पर गोली एक बकरी को लग गई थी। दुश्वारियों के बीच जीवन यापन करने को मजबूर आवासों की महिलाओं ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी से मांग की कि उन्हैं अंधेरे में मरने को न छोडें बल्कि उनकी मदद करें। प्रदर्शन करने वालों में फातिमा बेगम, धनदेवी, नूरजहां, मालतीदेवी, शकुन्तलादेवी, लवली रानी, कुन्तीदेवी, मीनाकुमारी, मुन्नी बेगम, रेखादेवी, रेनू कुमारी तथा मुन्नीदेवी आदि थीं।

मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट