वर्ल्ड लंग कैंसर डेः धूम्रपान न करने वालों में भी तेजी से फ़ैल रहा फेफड़ों का कैंसर

फेफड़े के कैंसर से धूम्रपान करने वाले ही नहीं बल्कि धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी जूझ रहे हैं और ऐसा शायद बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है। पिछले छह साल में किये गए एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। हवा में फैलता प्रदूषण अब फेफड़ों के कैंसर का कारण बन रहा है। इस कारण वे लोग भी इस जानलेवा बीमारी का शिकार बन रहे हैं जो धूम्रपान नहीं करते। आज वर्ल्ड लंग कैंसर डे है।  इसके मुताबिक देश में महिलाओं और युवाओं में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है। फेफड़ों के कैंसर के मामले में शोध से चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

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  • 150 रोगियों पर किए गए शोध से पता चला है कि बगैर धूम्रपान करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है।
  • सेंटर फार चेस्ट सर्जरी के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि इस शोध में मामलों का बढ़ना, युवाओं में कैंसर होना व महिलाओं में कैंसर दर चौकाने वाली है।
  • अभी तक धूम्रपान को इसका कारण माना जाता था, लेकिन फेफड़ों के बढ़ते कैंसर के कारण प्रदूषित हवाएं भी हैं। वही, डॉ.नीरज जैन ने कहा कि यह बीमारी खतरनाक है और तेजी से युवाओं को चपेट में ले रही है।
  • धुम्रपान करने और नहीं करने वालों का अनुपात बराबर है। इससे साफ है कि वायू प्रदूषण के चलते भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है। अब धूम्रपान रोकने के साथ-साथ वायु प्रदूषण को भी रोकने की बात होनी चाहिए।
  • संस्थान ने इस संबंध में 150 रोगियों पर शोध किया था। इनमें से कुछ मरीज प्रेस वार्ता के दौरान भी मौजूद थे। राजधानी में हवा लगातार प्रदूषित हो रही है।
  • दिसंबर में इसके चलते आपात स्थिति की हालत पैदा हो गए थे। ऐसे में सर गंगाराम अस्पताल का शोध चौंकाने वाला है। पहली बार कैंसर का बड़ा कारण खराब हवा को भी माना गया है।
  • यह राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए बड़ी चेतावनी भी है।
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जाने क्या है इसके लक्षण 

फेफड़े में होने वाला कैंसर शुरूआती चरणों में नहीं पहचाना जा सकता, क्योंकि शुरूआती समय में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन कुछ लक्षणों के सामने आने पर सही बचाव कर फेफड़ों के कैंसर से बचा जा सकता है। जानिए कौन से हैं यह 5 लक्षण –

  • जब आप सांस लेते हैं, तब यदि कोई सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यह आवाज कई तरह की सेहत समस्याओं की ओर इशारा करती है साथ ही फेफड़ों से जुड़ी समस्या भी।
  • अगर आप गहरी या लंबी सांस लेने में तकलीफ महसूस करते हैं, तो यह अवरोध सीने में तरल पदार्थ के जमा होने के कारण हो सकता है जो फेफड़ों में कैंसर के कारण पैदा होता है।
  • यदि आप सीने के साथ-साथ पीठ और कंधों में भी दर्द महसूस करते हैं, तो इसे गंभीरता से लें। यह लसिकाओं के स्थानांतरण के कारण हो सकता है। भले ही आप खुद को स्वस्थ महसूस करें, डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
  • यदि सीने में कफ हो रहा है और यह समस्या 2-3 सप्ताह से भी ज्यादा समय तक बना रहता है तो यह संक्रमण हो सकता है।
  • इसके अलावा कफ संबंधी अन्य समस्याएं जैसे थूक में कफ या रक्त होना पर गंभीरता से लें और चेकअप कराएं।
    फेफड़ों के कैंसर असर बढ़ने पर मस्तिष्क पर भी पड़ सकता है
  • ऐसी स्थि‍ति में लगातार सिर में दर्द बना रहता है। कभी-कभी ट्यूमर द्वारा उन शि‍राओं में भर दबाव पड़ता है जो शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त को संचारित करती है.

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