हरदोई। हादसे में जान गवाने वाले किसानों के आश्रितों को व दिव्यांग हो जाने वाले किसानों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत लाभांवित करने में जिले का प्रदर्शन खासा बेहतर है। यहां प्रशासन ने दिसंबर से अब तक प्राप्त हुए 149 आवेदनों को स्वीकृति देते हुए लगभग सात करोड़ 36 लाख रुपये की राशि आश्रितों के खातों में भेज दी है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत लाभांवित करने में यूपी के हरदोई जिले का प्रदर्शन खासा बेहतर है। योजना के तहत कृषक की मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख रुपये 50 प्रतिशत दिव्यांगता होने की स्थिति में ढाईं लाख एवं 25 प्रतिशत दिव्यांगता होने पर सवा लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है।
सरकार द्वारा हादसे में किसानों की मृत्यु होने या दिव्यांग होने की स्थिति में उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा दिए जाने के उद्देश्य से सितंबर 2019 से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत कृषक की मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख रुपये, 50 प्रतिशत दिव्यांगता होने की स्थिति में ढाईं लाख एवं 25 प्रतिशत दिव्यांगता होने पर सवा लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है।
यहां डीएम एमपी सिंह की अगुआई में योजना के क्रियान्वयन को गति मिली है। दिसंबर से अब तक प्राप्त हुए 175 दावों में से प्रशासन ने जांच के बाद उपयुक्त मिलने पर 149 दावों को स्वीकृति दी है, जिसमें से 147 मामले कृषकों की मृत्यु होने व दो मामले कृषकों के दिव्यांग होने के हैं। फाइलों की स्वीकृति के बाद भेजी गई डिमांड के सापेक्ष शासन ने 7 करोड़ 36 लाख रुपये की राशि जारी कर दी है। राशि उपलब्ध होने के बाद डीएम के निर्देश पर वह सीधे आश्रितों के खाते में भेजी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक 2345 दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1737 दावों को स्वीकृत कर आश्रितों को लगभग 80 करोड़ रुपये की मदद दी जा चुकी है।
वरासत के वक्त किसान की मृत्यु का कारण भी जाने
हादसे में जान गवाने वाले किसानों के आश्रितों को सहज ढंग से योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए डीएम एमपी सिंह ने सभी लेखपालों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि नियमित क्षेत्र में भ्रमण करें, ऐसे मामलों की जानकारी होने पर निर्धारित समय सीमा में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत संबंधित की फाइल बनाकर प्रस्तुत करें। इसके साथ ही वरासत बनाते वक्त यह जानकारी अवश्य करें कि कृषक की मौत का कारण क्या है। अगर मौत का कारण हादसा है तो संबंधित कृषक के आश्रितों के ओर से से भी योजना के तहत आवेदन कराएं।