योगी सरकार लायी कड़ा क़ानून : कोरोना वारियर्स पर हमले में होगी 7 साल की सजा

लखनऊ . उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केन्द्र की तर्ज पर एक ऐसा कानून लायी है, जिसमें मेडिकल क्षेत्र से जुडे लोगों पर हमला करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार की कैबिनेट से मंजूरी के बाद राज्यपाल ने भी इसे हरी झंडी दे दी है।  अब एक साथ पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। इस कानून का नाम है ‘उत्तर प्रदेश एपिडमिक डिजीज कंट्रोल ऑर्डिनेंस 2020।’ इस कानून को लाए जाने के पीछे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ ही साथ हर कोरोना वारियर को सुरक्षा देने की मंशा है।

7 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना

महामारी कोरोना के डॉयरान लाये गए इस क़ानून पर खूब चर्चा हो रही है। उसके तहत किसी भी कोरोना वारियर के साथ किसी भी तरह की अभद्रता करने पर 7 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन से भागने लॉकडाउन तोड़ने एव इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया जाएगा। इस कानून में ऐसे सभी लोगों को शामिल किया जाएगा जो मेडिकल के क्षेत्र से जुडे हुए हैं।

चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं सभी कोरोना वारियर्स के विरुद्ध आक्रमण करने पर थूकने आइसोलेशन तोड़ने के लिए कठोर सजा दी जाएगी। केंद्र सरकार ने भी अभी हाल में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एपेडेमिक एक्ट 1897 में संशोधन करने वाला अध्यादेश जारी किया है।

चिकित्सा कर्मियों पर हमला करने वाले लोगों को मिलेगी सजा

इसके पहले केंद्र सरकार ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 में बदलाव अध्यादेश के जरिए किया है। जिसके बाद यह कानून देश में लागू किया गया है। इस कानून के तहत मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वाले लोगों को 3 माह से 5 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा उनपर 50000 रुपये से 2 लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। नए कानून के मुताबिक, इस तरह के अपराध को गैर-जमानती माना जाएगा।

अध्यादेश के जरिए महामारी कानून 1897 में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। प्रस्तावित कानून का सबसे अहम पहलू ये है कि इसमें डॉक्टरों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के चलते मकान मालिकों द्वारा घर छोड़ने जैसी घटनाओं को भी उत्पीड़न मानते हुए एक तरह की सजा का प्रावधान किया गया है।