यूपी : फोकस टेस्टिग में 12 हजार से ज्यादा हुई कोरोना सक्रमितों की पहचान


-बैण्ड, लाइट, टैण्ट, मैरिज हाॅल, डीजे कर्मियों की जांच का विशेष अभियान शुरू

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का स्तर जानने के उद्देश्य से विभिन्न समूहों की ‘फोकस टेस्टिंग’ में १२,२९० नए लोगों की पहचान हुई है। इनका इलाज शुरू कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश में फोकस टेस्टिंग अभियान २९ अक्टूबर से १२ नवम्बर तक तथा १९ नवम्बर से ३० नवम्बर, तक चलाया गया। इस दौरान टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, रिक्शा चालकों, मेहंदी लगाने वालों, ब्यूटी पार्लर में काम करने वालों, मिठाई की दुकानों-रेस्टोरेंट में कार्य करने वाले लोग, धर्म स्थलों, शाॅपिंग माॅल, इलेक्ट्राॅनिक्स और व्हीकल शोरूम, फुटकर विक्रेता, दवा की दुकान-नर्सिंग होम, वेण्डर्स-फल सब्जी वेण्डर्स में संक्रमित लोगों की पहचान की गई है।

फोकस टेस्टिंग अभियान के अन्तर्गत १२,२९० संक्रमित लोगों की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि फोकस टेस्टिंग के माध्यम से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों तथा महत्वपूर्ण स्थानों पर जाकर संक्रमित लोगों की पहचान करने से त्यौहारों के समय कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में सहायता मिली। शादी समारोह को लेकर तीन दिन का विशेष अभियान इसके साथ ही शादी समारोह को लेकर आज से अगले तीन दिनों अर्थात ०३ दिसम्बर तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत बैण्ड-बाजा, लाइट, टैण्ट, मैरिज हाॅल, डीजे, के सम्बन्धित कर्मियों की फोकस टेस्टिंग करायी जाएगी।

चिह्नित स्थानों की फोकस टेस्टिंग ०४ से १० दिसम्बर तकउन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश के सभी जनपदों में संक्रमित क्षेत्रों की मैपिंग की जा रही है। इसके माध्यम से संक्रमित इलाकों, मोहल्लों को मैपिंग के माध्यम से चिह्नित किया जा रहा है। इन चिह्नित स्थानों की फोकस टेस्टिंग ०४ से १० दिसम्बर तक करायी जाएगी। इन नमूनों की अधिकांश आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी, ताकि संक्रमण को जितनी जल्दी हो सके खोजा जा सके और संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करके संक्रमण की श्रंखला को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता बरतें तथा सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, लोगों से दो गज की दूरी बनाएं रखें तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें। विशेषकर बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं तथा पहले से बीमार व्यक्तियों को सार्वजनिक कार्यक्रम, स्थानों से दूर रखकर संक्रमण से सुरक्षित किया जा सकता है।