कानपुर। एस.जी.एम. इण्टरनेशनल स्कूल, इन्दिरा नगर, कल्यानपुर कानपुर और भारत तिब्बत समन्वय संघ कानपुर-बुन्देलखण्ड प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी का विषय अखण्ड भारत निर्माण में मतदान की भूमिका पर विचार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 डॉ0 मनोज दीक्षित (कुलपति, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान व माननीय सदस्य, केंद्रीय परामर्शदात्री समिति, भारत तिब्बत समन्वय संघ) ने कहा कि भारत लोकतन्त्र की जननी है।
आजादी के 76 साल बाद भी भारत में लोकतन्त्र अपने आदर्श रुप में बना हुआ है। सरकार के चयन का दायित्व हम सभी का है। मतदान तो अधिकार से बढ़कर हमारा दायित्व है। लोकतन्त्र में सरकार हमारा ही प्रतिनिधित्व करती है, मतदान एक ऐसा पर्व है जो लोकतन्त्र को सुदृढ़ करने का एकमात्र अवसर है। देश के निर्वाचन आयोग ने अपनी भूमिका सफल करते हुए हम सबको एक सुरक्षित और सुचितापूर्ण मतदान का अवसर दिया है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ श्याम बाबू गुप्त (विभाग संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कानपुर) ने बताया कि आपको वैसा ही नेता मिलेगा, जैसा आपने चुना है। मतदान के दिन छुट्टी न मनायें अपितु लोकतन्त्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। वैदिक काल से ही हमारे मनीषियों ने बताया है कि राजा केवल प्रजा के सुख के लिए ही है। राजा एक वेतनभोगी कर्मचारी से बढ़कर कुछ नहीं है। प्राचीन भारत में सबसे पहला गणराज्य वैशाली था। ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक वैशाली में ही दुनिया का पहला गणराज्य स्थापित हुआ। आज लोकतान्त्रिक देशों में उच्च सदन और निम्न सदन की प्रणाली है, वह भी वैशाली गणराज्य में थी। वहां उस समय छोटी-छोटी समितियाँ थी जो जनता के लिए नियम और नीतियाँ बनाती थी। लोकतन्त्र हमें स्वतन्त्रता एवं समानता का अधिकार देता है।
विद्यालय के प्रबन्धक और भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजित अग्रवाल द्वारा अतिथियो का परिचय व स्वागत किया गया। अखण्ड भारत के निर्माण की दिशा में मतदान की भूमिका पर राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने हेतु मतदान करना ही होगा। जिसमें समाज के प्रबुद्धजनों की भागीदारी हो इस प्रकार की हमारी मनःस्थिति बने और समाज में मतदान करने को लेकर एक उत्साह बनें। हमें अपने आस-पास के लोगों को मतदान के लिए जागरुक करना चाहिए।विद्यालय के प्रधानाचार्य संदीप कुमार पाठक ने आभार प्रदर्शन करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। जिसमें स्कूल के सभी टीचर्स एवं अभिभावक उपस्थिति थे।