किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने बताई किसानों के फायदे की बात

देश में किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने कहा कि चालू खरीफ मार्केटिंग सत्र के दौरान उसने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अब तक 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर 318 लाख टन धान की खरीद की है. यह पिछले साल की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है. सरकार ने कहा कि चालू खरीफ मार्केटिंग सत्र में मौजूदा योजनाओं के मुताबिक MSP पर खरीफ फसलों की खरीद जारी रहेगी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में धान की खरीद सुचारू रूप से जारी है

सरकार ने इस सत्र में 30 नवंबर तक 318 लाख टन धान की खरीद की है. यह पिछले साल की समान अवधि के 268.15 लाख टन से 18.58 प्रतिशत अधिक है. बयान में कहा गया कि लगभग 29.70 लाख किसानों को पहले से ही 60,038.68 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ चल रहे खरीफ विपणन सत्र के खरीद कार्यों से फ़ायदा किया गया है.’ 318 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.77 लाख टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 63.76 प्रतिशत है.

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान 6 दिनों से आंदोलन पर उतरे हुए हैं. तो वहीं 1 दिसंबर को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही. ये बैठक पूरे 4 घंटे चली. सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. किसान नेता चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शांतिपूर्ण समाधान. अब सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी. इस बीच आज किसान दिल्ली कूच करने वाले हैं. आज पंजाब और हरियाणा से भी ट्रैक्टर रवाना होंगे. इस बीच पुलिस ने दिल्ली नोएडा का चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया है.

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