जानिए, वे कौन लोग है जो PM मोदी और शाह के तमिलनाडु जाते ही ट्विटर पर #GoBack ट्रेंड कराने लगते है

तमिलनाडु में एक नई चीज देखने को मिली है, जब भी कोई बीजेपी का बड़ा नेता जाता है तो उसके खिलाफ ट्विटर पर फर्जी विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाते हैं। इसका बड़ा संकेत ट्विटर पर ट्रेंड पर मिलता है जहां गो बैक कै हैशटैग ट्रेंड करने लगते हैं। इसके जरिए ये दिखाने की कोशिश की जाती है कि राज्य में बीजेपी के खिलाफ विरोध है, लेकिन असल स्थितियां ये हैं कि बीजेपी के खिलाफ ये एजेंडा पाकिस्तान और गल्फ देशों से चलाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने दो दौरों के बाद हाल के अमित शाह के दौरे में इस ट्विटर साजिश का एक बार फिर चर्चा में आना जाहिर करता है कि ये गो बैक की नौटंकी एक बार फिर उन्हीं लोगों की करामात है।

पीएम समेत गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ ट्विटर पर जो गो-बैक वाले हैशटैग का एजेंडा चलाया जा रहा है वो ज़मीनी हकीकत से बिल्कुल ही अलग है। अमित शाह का तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के एयरपोर्ट में जबरदस्त स्वागत हुआ है। शाह के लिए लोगों की उमड़ी भीड़ सभी ने देखी है। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि शाह ने गाड़ी में बैठने के बजाय पैदल चलना मुनासिब समझा। एयरपोर्ट पर उनका ये स्वागत ट्विटर के फर्जी हैशटैग की पोल खोल रहा था, जो मन में सवाल खड़े करता है कि ये लोग कौन हैं, जो इस तरह के बेहूदा ट्रेंड चलाते हैं।

गौरतलब है कि जब मार्च 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में 40 हजार करोड़ की जनहित और विकास की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, तब भी उनके खिलाफ ट्विटर पर ये गो बैक पीएम मोदी हैशटैग ट्रेंड कर रहा था। इसको लेकर जब पड़ताल शुरू की गई तो पता चला कि इस हैशटैग के लगभग-लगभग 58 प्रतिशत ट्वीट पाकिस्तान से 22 प्रतिशत भारत और मात्र 4 प्रतिशत ट्वीट ही तमिलनाडु से किए गए हैं। ये पड़ताल साबित करती है कि असल एजेंडा कहां से चल रहा है।

ये बताता है कि तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके जैसी पार्टियां बीजेपी विरोधी एजेंडा पाकिस्तान की मदद से चला रही हैं जिससे बीजेपी के खिलाफ राज्य की राजनीति में माहौल बनाया जा सके और जो उसे नुकसान पहुंचाए। लेकिन चेन्नई एयरपोर्ट पर अमित शाह का स्वागत इन सारे दांवों की हवा निकाल रहा है। इन ट्वीट्स को मल्लिकार्जुन खड़गे एक मुद्दा बताकर ये कह रहे हैं कि केंद्रीय मंत्रियों को देश के किस राज्य में जाना चाहिए और कहां नहीं जाना चाहिए। जबकि देश के विकास के लिए ये आवश्यक है कि केंद्रीय मंत्री किसी भी राज्य में कभी-भी जा सकें।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में बीजेपी द्रविड़ राजनीति को चुनौती देते हुए युद्ध स्तर पर अपना राजनीतिक जनाधार बनाने में जुटी हुई है। हमने आपको अपनी एक रिपोर्ट में भी बताया है कि किस तरह से बीजेपी अब यहां हिंदुत्व के दम पर द्रविड़ राजनीति को खत्म करने की कोशिश कर रही है।  अमित शाह पार्टी के इस अभियान को धार देने में जुटे हुए हैं। बीजेपी का बढ़ता जनाधार यहां की राजनीतिक पार्टियों के लिए खतरा है और इसीलिए ये सभी दल बीजेपी के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

साफ है कि जिस तरह से बीजेपी का जनाधार तमिलनाडु में बढ़ रहा है वो विपक्ष को परेशान करने वाला है और इसी के चलते गल्फ देशों से लेकर पाकिस्तान तक से इस तरह भ्रमित करने वाले हैशटैग ट्रेंड कराए जाते हैं, जिनका ज़मीनी स्तर से कोई सरोकार नहीं है।

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