साल 2002 में पूरा बॉलीवुड निर्देशक डेविड धवन के बेटे और वरुण धवन के भाई रोहित धवन की संगीत सेरेमनी में शामिल होने गोवा में इकठ्ठा हुआ था. इस सेरेमनी में बॉलीवुड की हसीनाओं को देखकर ऐसा लगता था- जैसे सारे चाँद एक साथ जमीन पर उतार आये हो. गोवा की मादक शाम और इफरात से छलकते जाम.. ऐसे में कोई बहक ही जाए तो किसका दोष ? और जब मामला संजय दत्त का हो तो बहकना लाजिमी है. सो बाबा अमीषा पटेल के मादक हुस्न की अदा पर लुढ़क गए और उन्होंने अमीषा पटेल पर हाथ साफ़ कर दिया. इसे आम आदमी की भाषा छेड़छाड़ भी कह सकते हैं.
मामला सबके सामने वाला था. नतीजतन अमीषा पटेल ने हंगामा खडा कर दिया. अमीषा जोर-जोर से चिल्लाने लगी और वहां तमाशा खडा हो गया. पार्टी का मजा खराब होते देख मेहमानों ने बीच-बचाव शुरू कर दिया. सरेआम हुई इस बेइज्जती से हैरान संजय दत्त अपनी पत्नी मान्यता के साथ पार्टी बीच में ही छोड़कर मुंबई वापस लौट आए. इंडस्ट्री में संजय दत्त के दोस्त डैमेज कंट्रोल में जुट गए लेकिन अमीषा पटेल अपनी इस बात पर अड़ी रही कि बाबा ने उनके साथ जान-बुझ कर छेड़-छाड़ की जबकि संजय दत्त का कहना था कि अमीषा को कोई गलतफहमी हुई है.
बहरहाल इस घटना से संजय दत्त की सेहत पर तो कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ा लेकिन अमीषा पटेल के करियर का ग्राफ उल्टी दिशा में घूमने लगा. जल्द ही उन्हें डेविड धवन और प्रियदर्शन की फिल्म से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया क्योंकि संजय दत्त उनके साथ शूटिंग करने को राजी नहीं थे. इसके साथ ही अमीषा के हाथों से एक के बाद एक फ़िल्में निकलने लगी और उनका करियर बैकफुट पर आ गया.
मामला गरमाते देख अमीषा ने बात संभालने की कोशिश की और संजय दत्त ने भी पूरी घटना को अफवाह करार दे दिया, लेकिन तब तक बाबा का क्रोध कसाई बनकर उनके पूरे करियर का सत्यानाश कर चुका था.