भोपाल । बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 बागी विधायक मंगलवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कमलनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। विधायकों का कहना है कि वचन पत्र में किए गए वादों को नहीं निभाए जाने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है। इसके अलावा बागी विधायकों ने भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने की खबरों का भी खंडन किया है। इसके साथ ही विधायकों ने यह भी दावा किया है कि हमारे साथ अभी 20 और कांग्रेस विधायक आएंगे।
मंगलवार को बेंगलुरु के रिसार्ट में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के सभी 22 विधायकों ने एक सुर में कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है। सिंधिया समर्थक विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हमें 5 मिनट भी धैर्य से नहीं सुना। हमारे विधानसभा क्षेत्र में 1 रुपये का भी काम नहीं हुआ लेकिन हम किसको अपनी समस्या बताएं। विधायकों का आरोप है कि सारे काम छिंदवाड़ा में हुए, वहां हुए हजारों करोड़ के कार्यों के मुकाबले हमारे विधानसभा क्षेत्र में कुछ भी मंजूर नही हुआ, इसलिए हम सब ने विधायक पद से इस्तीफे दिए हैं। विधायकों ने मीडिया के सामने आकर कहा कि हमें यह सूचना मिली कि हमें बंधक बनाया गया है, लेकिन आप लोग देख सकते हैं कि यह बात गलत है, हम स्वतंत्र है और अपनी मर्जी से यहां है। जब चुनाव लड़ा गया तो दो चेहरे सामने लाए गए जिसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। इसके बाद सिंधिया की जगह कमलनाथ को सीएम बनाया गया। सीएम बनने के बाद उनका व्यवहार बदल गया। हर बार छिंदवाड़ा में कामों के लिए पैसा लगाया जा रहा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका थी। हमारे साथी विधायक जो जयपुर में थे उनसे पूछ लीजिए, वह भी इनसे प्रताड़ित हैं।
Rebel Congress MLA Imarti Devi, in Bengaluru: Jyotiraditya Scindia is our leader. He taught us a lot. I'll always stay with him even if I had to jump in a well https://t.co/U6Pe7GjhVM pic.twitter.com/ggjtCOFcA8
— ANI (@ANI) March 17, 2020
बिसाहूलाल बोले, मुझे सम्मान नहीं दिया गया
प्रेस वार्ता में सिंधिया समर्थक विधायक बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली गया, वहां मुझे राहुल गांधी ने कहा तुम्हारे साथ अन्याय हुआ है, तुम्हारा नाम तो मंत्री बनाए जाने की सूची में था। बिसाहूलाल ने कहा कि मुझे सम्मान नहीं दिया गया, सीएम से मिलने पर कहा जाता था जल्दी निकल जाओ। कमलनाथ ने एक भी आदिवासी को पट्टा नहीं दिया गया, आदिवासी को शादी पर कोई पैसा नहीं मिला। यह सिर्फ बोलते हैं, मैंने भाजपा ज्वाइन कर ली है। बिसाहूलाल ने कहा कि कोरोना का इतना ही डर है तो वल्लभ भवन में भी छुट्टी करवा दीजिए। सबसे सीनियर नेता को न तो मंत्री बनाया गया न ही विधानसभा अध्यक्ष। बेंगलुरु में रुकने पर विधायक ने कहा कि जब सिंधिया जैसे बड़े नेता पर हमला हो सकता है, तो हम लोग कैसे मप्र में सुरक्षित रह सकते हैं, इसलिए हम विधायक यहाँ बेंगलुरु में हैं।
इमरती बोली, मुख्यमंत्री से मिलना मुश्किल होता था
प्रेसवार्ता में इमरती देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलना मुश्किल होता था। जब मुलाक़ात करने जाए तो कहते थे चलो निकलो, जल्दी बात करो और जाओ। मैं आज जो भी हूं, ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से हूं। सरकार ने वचनपत्र तैयार किया था, उस पर कोई अमल नहीं हुआ। मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि जब मेरे इलाके में काम ही नहीं हुआ, तो मुझे अब आगे चुनाव नहीं लड़ना।
गोविंद सिंह का आरोप, सिर्फ छिंदवाड़ा को दिए हजारों करोड़
पत्रकारों को संबोधित करते हुए गोविंद सिंह राजपूत ने आरोप लगाए कि कैबिनेट ने सिर्फ छिंदवाड़ा को ही हजारों करोड़ रुपए आवंटित किए। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि केवल इस पर चुनाव नहीं जीता जा सकता। गोविंद सिंह ने कहा कि जयपुर-भोपाल में ठहराए गए कांग्रेस के विधायकों को अगर खुला छोड़ दिया तो वे भी हमारे पास बेंगलुरु में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने इस्तीफा सौंपा है और सभी केंद्रीय सुरक्षा बल की मौजूदगी में भोपाल आने को तैयार हैं। छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए गए तो 16 के क्यों नहीं। हम सभी उपचुनाव के लिए तैयार हैं। दिग्जिवय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा माफिया आज भी सरकार चला रहा है।
इससे पहले सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की संभावना के चलते सभी 22 बागी विधायकों का मेडिकल फिटनेस कराया गया है। कोरोना टेस्ट की स्क्रीनिंग के लिए 5 सीनियर डॉक्टरों की टीम 30 से ज्यादा किट लेकर पहुंची थी। सभी विधायकों का हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर ओर शुगर टेस्ट भी कराया गया। कुछ विधायक ने बेचैनी की शिकायत की थी। डॉक्टरों ने मेडिकल फिट घोषित कर दिया है। कोरोना नेगेटिव पाया गया है। ये सर्टिफिकेट भोपाल पहुंच गए हैं।