चीन के चमचे ओली ने भारत के खिलाफ फिर चली ये चाल!

चीन की चमचागीरि करने वाले नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नेपाल पर ड्रैगन के काबिज कराने का रास्ता बना रहे हैं. नेपाली जनता इस बात को समझ चुकी है. इसकी सबूत भी सामने आ चुका है. चीन ने सीमा से जुड़े नेपाल के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है. इस बात को स्थानीय नेपाली प्रशासन ने मान भी लिया है लेकिन केंद्र की कम्युनिस्ट ओली सरकार जानकर अनजान बनी हुआ है. ओली पर चीन से रिश्वत लेने के भी आरोप लग चुके हैं. अब इस मामले से नेपाल की जनता का ध्यान भटकाने के लिए ओली भारत के खिलाफ सीमा विवाद को बेवजह तूल दे रहे हैं. उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में दिखाने के बाद अब नेपाल सरकार एक और चाल चलने जा रही है.

केपी शर्मा ओली की नेतृत्व वाली नेपाल सरकार अगले साल 28 मई से 12वीं जनगणना शुरू कर रही है, जिसके तहत इन भारतीयों क्षेत्र में भी जनगणना कराने की तैयारी हो रही है.

नेपाल के स्थानीय अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक इसके लिए ओली सरकार योजना भी तैयार करवा रही है. इन विवादित इलाकों में नेपाल मकानों की भी गिनती करेगा.

बता दें भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास आने की वजह भी यही तीन इलाके हैं. पहले नेपाल ने इन तीनों इलाकों पर अपना दावा ठोका और फिर संसद से उसके नक्शे को भी पास भी करवा दिया. विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल चीन के प्रभाव में आकर यह भारत विरोधी कदम उठा रहा है.

कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के इलाकों में जनगणना काम नेपाल के नेशनल प्लानिंग कमीशन को करना है लेकिन वहां के सेंट्रल बूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स को भय है कि सरकार के इस कदम से भारत नाराज हो सकता है.

स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक केपी शर्मा ओली सरकार को भी इस बात की चिंता है कि भारत के नाराज होने पर इसपर क्या प्रतिक्रिया होगी. यही वजह है कि सरकार ने इस पर अभी अपना खुलकर कोई स्टैंड सामने नहीं रखा है. बता दें कि अभी हाल भी भारत ने नेपाल को एक जोड़ी अत्याधुनिक ट्रेनें दी हैं.

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