उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुई हिंसा के दौरान किसी की भी जान पुलिस की गोली से नहीं गई। जो भी मरे वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं। उन्होंने बुधवार (फरवरी 19, 2020) को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही।
Controversy Over Yogi Adityanath's "Death Wish" Remark On CAA Violence https://t.co/i32j3L4YTW #NDTVNewsBeeps pic.twitter.com/E4l6J4Naoo
— NDTV (@ndtv) February 19, 2020
रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति किसी निर्दोष को मारने के लिए निकला है और वह पुलिस की चपेट में आता है, तो या तो पुलिसकर्मी मरे, या फिर वह मरे। किसी एक को तो मरना होगा, लेकिन एक भी मामले में पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा है।” मुख्यमंत्री ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा, “अगर कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो वह जिंदा कैसे हो जाएगा।”
UP Chief Minister Yogi Adityanath in state Assembly: Jin logon ne Ayodhya mein Ram Bhakton pe goli chala kar, Ayodhya ki manyata ko dooshit karne ka prayas kiya tha, ve aaj upadraviyon pe hone wale karyawahi par humse jawab mang rahe hain. pic.twitter.com/QO3yjSQZr8
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2020
ज्ञात हो कि CAA के विरोध में बीते दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इस पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि कोई लोगों को निशाना बनाने के इरादे से सड़क पर उतरता है तो या तो वह मरता है या फिर पुलिसकर्मी मरता है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियाँ चलवाकर अयोध्या की मान्यता को दूषित करने का प्रयास किया वो आज हमसे उपद्रवियों पर होने वाली कार्रवाई का जवाब माँग रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “CAA के खिलाफ हिंसा हमें इस बारे में फिर सोचने को मजबूर करती है। आंदोलन में पीछे से हिंसा कर रहे लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिला था। गत 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा हुई, तो मैंने अलीगढ़ प्रशासन को सतर्क रहने को कहा। उस रात 15 हजार छात्र सड़क पर उतरकर अलीगढ़ को जलाना चाहते थे। अंदर से पहले पत्थर और फिर पेट्रोल बम फेंके गए। उसके बाद असलहे चले। कुलपति के लिखित अनुमति देने पर ही पुलिस अंदर गई और हल्का बल प्रयोग किया।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, “अब तक तो मैं सोचता था कि अपराधी भी अपने पुत्र-पुत्रियों को अपराधी नहीं बनाना चाहते हैं। मगर यहाँ कुछ नेता अपने पुत्र-पुत्रियों को देश विरोधी नारे लगाने वालों के बीच भेजते हैं। आप किस तरफ ले जा रहे हैं? आपको तय करना होगा। आपको बापू के सपने को साकार करना है या जिन्ना के सपने को?”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में CAA के विरोध में हुई हिंसा में देशविरोधियों के षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के लोग हैं। PFI सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का नया वर्जन है।