साल का पहला सूर्य ग्रहण : 12 घंटे पहले रात 10.30 से सूतक काल ,मंदिरों के कपाट भी होंगे बंद

साल का पहला सूर्य ग्रहण : 12 घंटे पहले रात 10.30 से सूतक काल ,मंदिरों के कपाट भी होंगे बंद
-रविवार को ग्रहण का स्पर्शकाल पूर्वांह 10.20 से, मध्य काल 12.18 बजे
– मोक्षकाल 2.02 बजे से गंगा स्नान

वाराणसी, । वर्ष 2020 का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को लग रहा है। ग्रहण का स्पर्शकाल सुबह 10.20 बजे से शुरू होगा। ग्रहण का मध्यकाल 12.18 बजे और मोक्षकाल (समापन) 2.02 बजे है। भारत में सम्पूर्ण ग्रहणकाल 3 घंटा 33 मिनट का है।


सनातन परम्परा के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे शनिवार की रात 10.20 शुरू हो जाएगा। सूतक काल में धर्म नगरी काशी के प्रमुख मंदिरों के पट भी बंद हो जायेंगे। मोक्षकाल में देव विग्रहों की मंगला आरती के बाद मंदिर का पट आम जन के लिए खुल जायेगा।


नगर के ज्योतिषविद मनोज पाठक ने शनिवार को बताया कि आषाढ़ कृष्ण अमावस्या रविवार 21 जून को मृगशिरा नक्षत्र व मिथुन राशि में यह खंडग्रास कंकण सूर्यग्रहण लग रहा है। ग्रहण चूड़ामणि योग में लग रहा है। सूर्यग्रहण काल में एक साथ छह ग्रह वक्री चाल चल रहे होंगे। बुध, गुरु, शुक्र, राहू व केतु ग्रह वक्री रहेंगे। ऐसी स्थिति समाज के लिए कष्टकारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव पूरे एक महीना रहेगा। ऐसे में जिन राशियों के लिए यह ग्रहण शुभ फलदायी नहीं है, उन्हें यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए।

ज्योतिषविद पाठक ने बताया कि ग्रहण काल में खाद्य और पेय पदार्थों में तिल, कुश, तुलसीदल छोड़ देने से उस पर ग्रहण का प्रभाव नहीं होता। इसके बावजूद इस अवधि में बालक, वृद्ध, रोगी को छोड़कर अन्य लोगों को भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण काल में घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण के दौरान भगवान शिव और सूर्यदेव की उपासना, आदित्य हृदयस्त्रोत का पाठ करना चाहिए। मोक्ष काल में गंगा स्नान के बाद श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए।


उल्लेखनीय है कि सूर्य ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया और कांगो में दिखाई देगा। इस ग्रहण का व्यापक असर भारत पर तो दिखेगा ही लेकिन इसका प्रभाव अमेरिका और चीन पर भी दिखेगा। कुल पांच घंटे 48 मिनट के ग्रहण काल में भारत में तीन घंटे 26 मिनट तक दिखेगा।

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