दिल्ली में लॉकडाउन फेल : निजामुद्दीन में छिपे बैठे थे सात देशों के करीब 500 जमाती, पूरा इलाका सील

– अस्पताल में भर्ती कराये गए कोरोना संदिग्ध एक जमाती की मौत
– पुलिस ने 200 से अधिक जमातियों को पकड़कर कई अस्पतालों में करवाया भर्ती 
– बाकी तितर-बितर हुए जमातियों को ड्रोन के जरिये तलाश रही है दिल्ली पुलिस  
नई दिल्ली । पूरी दुनिया जहां कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है, वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) में लापरवाही की सारी हदें पार कर दी गईं।लॉकडाउन के बावजूद यहां सात देशों के करीब पांच सौ जमाती छिपे बैठे थे। पुलिस जब यहां पहुंची तो भगदड़ सी मच गई लेकिन करीब 200 लोग पकड़ में आ गए जिन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बाकी तितर-बितर हुए जमातियों पर ड्रोन से नजर रखकर उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने सोमवार को पूरे निजामुद्दीन इलाके को सील कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) में 14-15 मार्च के बाद से विदेशी जमातियों का आना-जाना लगा रहा। कोरोना की वजह से जब 24 मार्च को देश में लॉकडाउन किया गया तो मरकज में चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के करीब 1400-1500 जमाती यहां मौजूद थे। इसके बाद धीरे-धीरे समूह बनाकर तमाम विदेशी यहां से निकल लिए। इस बीच जब स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर रविवार को तड़के 3.30 बजे यहां छापा मारा तो करीब 500 जमाती मौजूद थे लेकिन अचानक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का अमला पहुंचने से भगदड़ सी मच गई। इस अफरा-तफरी में करीब 200 जमाती पकड़ में आये और बाकी भाग निकले।
पुलिस की पकड़ में आये 200 से अधिक जमातियों को कोरोना संदिग्ध मानकर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। निजामुद्दीन के कुछ लोगों का दावा है कि मरकज में मौजूद कई लोगों को बुखार और जुकाम की शिकायत थी। भाग निकले जमातियों पर ड्रोन से नजर रखकर उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने सोमवार को पूरे निजामुद्दीन इलाके को सील कर दिया है।राजधानी में कोरोना वायरस लेकर अब दिल्ली पुलिस ड्रोन कैमरे के जरिए मार्केट व कॉलोनियों पर नजर रख रही है। ऐसे में सोमवार को दिल्ली के बहुत से इलाकों में ड्रोन कैमरे के जरिए पुलिस ने निगरानी की।
जानकारी के अनुसार भारत में तब्लीगी जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज है। देश ही नहीं पूरी दुनिया से धार्मिक लोगों की टोली इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने के दौरान निजामुद्दीन मरकज पहुंचती है। मरकज में तय किया जाता है कि देशी या विदेशी जमात को भारत के किस क्षेत्र में जाकर प्रचार-प्रसार का काम करना है। विदेशों से आने वाली ज्यादातर जमात चार माह के लिए आती है जबकि अपने ही देश की जमात, चार माह, चालीस दिन, दस दिन या तीन दिन के लिए निकलती हैं। इसमें तीन दिन या दस दिन की जमात को लोगों के घरों के आसपास ही रखा जाता है। चालीस दिन या चार माह की जमात को निजामुद्दीन मरकज आकर आगे अपने गंतव्य के लिए रवाना किया जाता है। पूरे साल निजामुद्दीन मरकज में लाखों विदेशी व भारती जमातें पहुंचती हैं। एक-दो दिन या उससे ज्यादा के लिए उनके खाने-पीने और रहने का इंतजाम मरकज में किया जाता है।

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