
रेखा आज भले ही बुढ़ापे की उम्र में जवान दिखने केलिए फेमस है लेकिन पहले उनकी छवि एक पीड़ित लड़की की थी. जब 15 साल शादी की उम्र हुआ करती थी भारत में तब वो फिल्मो में आई और पहली ही फिल्म अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर चर्चा का विषय बनी उनको जबरन लिपलॉक किये जाने के लिए. शुरू से ही वो प्यार की तलाश में थी क्योंकि वो खुद एक नाजायज संतान थी* (कानून नहीं था तलाक का और माँ रही उनके पिता के साथ लिव इन में) ऐसे में उन्हें प्यार मिला था जितेंद्र का. लेकिन वो हिट थी और जीतेन्द्र ने भी उनकी सफलता का उपयोग किया इसलिए अफेयर किया और फिर ब्रेकअप कर लिया.
तब प्यार की मारी रेखा को विनोद महरा का सहारा मिला लेकिन विनोद महरा की माँ रेखा को पसंद नहीं करती थी क्योंकि तब वो चुम्बन और औरत मर्द के रिश्तो पर उलटे सीधे बयान दिया करती थी. लेकिन रेखा फिर भी विनोद के घर जाकर उनकी माँ को पटाने की कोशिश करती हालांकि सभी उलटी पड़ती….
विनोद रेखा से कन्नी काटने लगे और दुरी बनाने लगे जिसे रेखा भांप गई और उन्होंने तब कॉकरोच मारने की दवाई पीकर सुसाइड करने की कोशिश की. इस कोशिश से मेहरा डर गए और उन्होंने कोलकाता में मौसमी चटर्जी के घर रेखा के साथ सात फेरे लेने ही पड़े.
दोनों महीने भर वंहा उन्ही के घर में रहे हनीमून मनाया और उसके बाद विनोद मेहरा रेखा के साथ अपने घर पहुंचे जंहा माँ ने उन्हें जब देखा तो आग बबूला हो गई. उन्होंने रेखा पर चपले बरसाना शुरू कर दिया और विनोद से कुछ करते नहीं बन रहा था इसलिए उन्होंने रेखा को कुछ दिन दूर रहने को कहा.
वो दुरी कभी ख़त्म नहीं हुई और रेखा सुहागन बनी अभागन की टाइटल हो गई, विनोद मेहरा की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई तो उन्होंने खुद को कुंवारी ही समझा और राकेश से शादी की जिसने भी आत्महत्या कर ली….ऐसे रेखा घुंघरू की तरह बजती ही रही जिंदगी भर….