टीआई को गोली मारने वाले सब इंस्पेक्टर को छह घंटे बाद पुलिस ने कस्टडी में लिया, ये था पूरा मामला

रीवा, (हि.स.)। शहर के सिविल लाइन थाना प्रभारी हितेंद्र नाथ शर्मा को उनके चेंबर में घुसकर गोली मारने वाले सब इंस्पेक्टर (एसआई) बीआर सिंह को करीब छह घंटे बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने आरोपित पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया है। वहीं, एडीजी ने आरोपित सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त कर दिया है।

दरअसल, सिविल लाइन थाने में गुरुवार को दोपहर में एसआई बीआर सिंह ने थाना प्रभारी हितेन्द्र शर्मा को गोली मार दी थी। बताया गया है कि थाने में पदस्थ एसआई बृजराज सिंह गुरुवार को दोपहर करीब ढाई बजे थाने पहुंचे थे। उस समय थाना प्रभारी हितेन्द्र नाथ शर्मा अपने चैंबर में फाइलें देख रहे थे। बीआर सिंह ने पूछा कि मुझे लाइन किसने भेजा। इस पर थाना प्रभारी ने कहा कि यह एसपी साहब की व्यवस्था है, उनसे पूछो तो बेहतर होगा। इसके बाद बीआर सिंह ने अपनी पिस्टल निकालकर उन्हें गोली मार दी। थाना प्रभारी शर्मा को दो गोलियां लगी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जिस चैंबर में यह घटना हुई, उसे पुलिस वालों ने बाहर से बंद कर दिया था और एसआई बीआर सिंह चैम्पर में ही मौजूद थे। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह भी मौके पर पहुंच गए थे।

बताया गया है कि एसआई बीआर सिंह सिविल लाइन थाने में थाना प्रभारी शर्मा के अधीनस्थ थे। सीनियर पद पर होते हुए भी बीआर सिंह नशा करते थे। उनके खिलाफ नशाखोरी के चलते कुछ विभागीय जांचें चल रही थीं। उन्हें सात दिन पहले किसी मामले में पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस लाइन अटैच किया गया था। सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि थाना प्रभारी के बाएं कंधे में गोली धंसी है। उनकी हालत गंभीर है। पता चला है कि एसआई बीआर सिंह हमेशा हीन भावना से काम करते थे। वह सीनियर थे, लेकिन अपने कारनामों के चलते प्रमोशन नहीं ले पाए। ऐसे में जूनियर का आदेश मानना उन्हें अच्छा नहीं लगता था, इसीलिए आक्रोशित होकर घटना को अंजाम दिया।

घटना के बाद एसआई को चेंबर में ही बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी थी। आरोपित थाना प्रभारी कक्ष में बैठकर पुलिस कर्मियों को धमकी देता रहा। पुलिस थाना परिसर को चारों तरफ से घेरकर वेट एण्ड वॉच की स्थिति में नजर आई। एक तरफ पुलिस अधिकारी अस्पताल से पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे। आरोपित ने कक्ष के अंदर दो राउण्ड दुबारा से दाग दिए, तो पुलिसकर्मियां का हौसला जवाब दे गया।

घटना के बाद आईजी, डीआईजी भी पहुंच गए थे। टीआई के चेंबर में बंद आरोपित एसआई से बात कर उसे बाहर निकालने की कोशिश की। चूंकि आरोपित के पास पिस्टल थी। लिहाजा पुलिस अधिकारी हर कदम फूंक-फूंककर रख रहे थे। थाना परिसर के बाहर की सभी लाइट बंद करा दी गई थी। एएसपी अनिल सोनकर, एसडीओपी समरजीत सिंह और एक रिटायर टीआई एपी सिंह को आरोपी एसआई से बातचीत करने के लिए भेजा गया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उसे कस्टडी में ले लिया गया। पुलिस ने आरोपित को रात करीब 9 बजे कस्टडी में लिया।

एसपी विवेक सिंह ने बताया कि घटनाक्रम के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अभी घायल टीआई की जान बचाना प्राथमिकता है। आरोपित एसआई बीआर सिंह के पास पिस्टल थी, इसलिए समझाइश में वक्त लगा। आखिरकार उन्हें कस्टडी में ले लिया गया। उनसे दो पिस्टल बरामद की गई है।

टीआई को देखने अस्पताल पहुंचे बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल का कहना है कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। गोली कंधे और हार्ट के बीच में फंसी है। डॉक्टरों की टीम उन्हें देख रही है। अभी टीआई की जान बचाना प्राथमिकता है।

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