बलराम शर्मा –
दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी गठबंधन के माध्यम से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक सपा प्रमुख यादव ने कांग्रेस हाईकमान के सामने हरियाणा में कम से कम पांच विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात रखी है जबकि गत दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व रोहतक के सांसद दीपेंदर हूडा कहा था कि हरियाणा में समाजवादी पार्टी का कोई भी अस्तित्व नहीं है।
अखिलेश यादव ने इस ब्यान को गंभीरता से लिया है बताया जाता है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस हाईकमान को बताया कि हरियाणा में लगभग पंद्रह लाख परवासी मतदाता है। जिनमे 90% उत्तरप्रदेश से है इतना ही नहीं सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया है कि हरियाणा में गत विद्यानसभा चुनाव में 44 विधानसभा सीटे ऐसी है। जिनमे भाजपा मजबूत स्तिथि में दिखाई दे रही है और कांग्रेस पिछले दो या तीन चुनाव में यहां से पराजित होती आ रही है।
अखिलेश यादव के निजी सूत्रों का दावा है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, करनाल, जगाधरी, यमुनानगर व अम्बाला जिलों में समाजवादी पार्टी के मतदाता निर्णायक भूमिका में है। राज्य की बारह विधानसभा सीटें ऐसी है। जहाँ यादव मतदाताओं की संख्या अधिक है वही हरियाणा की दस विधानसभा सीटे ऐसी है जहाँ पर 10 हजार से ज्यादा मतदाताओं की संख्या में यादव है।
समाजवादी पार्टी के सूत्रों का दावा है कि उत्तरप्रदेश के साथ साथ हरियाणा में भी यादव व मुसलमान मतदाता अखिलेश यादव को अपना नेता मान चुके है। अखिलेश यादव के अत्यंत नजदीकी नेता ने नाम न छापने की सर्त पर बताया है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस को स्पस्ट शब्दो में कह दिया है।
कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत सीटे नहीं दी गई तो उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर विचार किया जाएगा ।अब देखना यह है कि दीपेंद्र हूडा के ब्यान को कांग्रेस हाईकमान कितनी गंभीरता से लेगी या नहीं फिलहाल बताया जाता है की समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में उतारने का मन बना चुकी है।