नई दिल्ली (ईएमएस)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण और आबकारी नीति मामले की जांच में शामिल विशेष सतर्कता सचिव राजशेखर ने संवेदनशील मामलों से संबंधित फाइलें नष्ट किए जाने की आशंका जताई है। विभाग के सचिव और मुख्य सचिव के साथ किए संवाद में उन्होंने सचिवालय स्थित कार्यालय की तलाशी और फाइलों की फोटोकॉपी लेने की आशंका जताई है। हालांकि, सरकार ने उन्हें भ्रष्ट अधिकारी बताते हुए 13 मई को जारी उनसे काम वापस लेने के आदेश के बावजूद फाइलें अपने पास रखने में उनकी रुचि पर सवाल उठाया है। एलजी वीके सक्सेना कार्यालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट में राजशेखर ने कहा कि उन्हें आशंका है कि कमरों में छेड़छाड़ की गई और गोपनीयता भंग होने की भी संभावना है। राजशेखर ने 15 मई को वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जवाब में कहा था कि उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका जा रहा है।
आबकारी नीति और मुख्यमंत्री के आवास के नवीनीकरण जैसे संवेदनशील मामलों से संबंधित गंभीर खतरे और दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्होंने इस मामले पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में ले जाने को कहा है। दिल्ली के सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 13 मई को कथित रूप से जबरन वसूली रैकेट चलाने और सुरक्षा धन की मांग करने के लिए राजशेखर के खिलाफ शिकायतों का हवाला देते हुए अधिकारी को सौंपे गए सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया था।
सूत्रों का कहना है कि राजशेखर कथित दिल्ली शराब घोटाले और मुख्यमंत्री के बंगले के नवीनीकरण की जांच कर रहे सतर्कता अधिकारी हैं। राजशेखर ने रिपोर्ट में दावा किया है कि दिल्ली सचिवालय में उनके कमरे की सोमवार और मंगलवार के बीच तलाशी ली गई। 15 मई को भारद्वाज के निर्देश मिलने के बाद उनके पास रखी 76 गोपनीय फाइलों को जांच किए बगैर भेज दिया। इसमें अधोहस्ताक्षरी को फाइलों की जांच नहीं करने का निर्देश दिए गए थे। हालांकि, 12 बेहद संवेदनशील फाइलें जिनमें आबकारी नीति और सीएम के आवास के नवीनीकरण से संबंधित फाइलें नहीं भेजी गईं और अपने कब्जे में रखा था।