पाक नेताओं के बेतुके बयान से और बिगड़े हालात, भारत पर फोड़ा पहलगाम हमले का ठीकरा…बढ़ा तनाव

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है. पूरे भारत में शोक और आक्रोश का माहौल है. वहीं सभी की नजर पाकिस्तान पर भी बनी हुई है. पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक और रक्षा मंत्री दोनों की प्रतिक्रिया सामने आई है, लेकिन इनमें हमले से पल्ला झाड़ने की बजाय भारत पर ही उल्टे आरोप लगाए गए हैं.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने न केवल इस हमले से पाक को अलग बताया बल्कि भारत पर ही अपने ही नागरिकों को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने नागालैंड, मणिपुर और कश्मीर का हवाला देकर भारत सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया. उनका यह बयान भारत के लिए किसी नयी कूटनीतिक चुनौती से कम नहीं है, खासकर जब आतंकवाद को लेकर वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की भूमिका लगातार संदिग्ध मानी जाती रही है. 

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

पाकिस्तान की मीडिया समा टीवी और डॉन के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने इसे “भारत के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र” में हुई घटना बताया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. साथ ही उन्होंने भारतीय मीडिया पर बिना सबूत पाकिस्तान को दोषी ठहराने और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित आरोप लगाने का आरोप लगाया.

आसिम मुनीर के बयान पर नजर

हमले के चंद दिन पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर को ‘गले की नस’ और ‘जीवन रेखा’ बताया था. उनका यह बयान, जिसमें उन्होंने ‘कश्मीर की आज़ादी’ की लड़ाई में समर्थन देने की बात कही थी, अब हमले की पृष्ठभूमि में संदिग्ध नजरों से देखा जा रहा है. इससे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है.

डर के साए में रही पाकिस्तानी वायुसेना

हमले के बाद भारतीय कार्रवाई की आशंका से पाकिस्तान में खलबली मच गई. फ्लाइट रडार डेटा के मुताबिक, पाकिस्तानी वायुसेना के कई प्रमुख विमान रातभर कराची से लाहौर और रावलपिंडी के सैन्य ठिकानों की ओर उड़ते देखे गए. इससे साफ है कि पाकिस्तान संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर अलर्ट पर है, भले ही उसने हमले से पल्ला झाड़ा हो.

पाकिस्तान की ‘कड़ी प्रतिक्रिया’ में छुपा डर या चाल?

पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित का बयान कि “इस बार पाकिस्तान की प्रतिक्रिया बहुत कठिन होगी”, भारत में कई सवाल खड़े कर रहा है. क्या यह बयान पाकिस्तान की घबराहट को छुपाने की कोशिश है या कोई नई रणनीति का संकेत? भारत इस समय अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की कथनी-करनी पर नजरें गड़ाए बैठा है.

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