विदेशी वैभव की आस में हर दिन 6 म‎हिलाएं करती हैं एनआरआई से शादी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

-धोखाधड़ी से बचने एनआरआई से मैरिज पर कानून बनाकर ‎किया लागू

नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय म‎हिलाओं को ‎विदेशी लोगों के साथ ‎विवाह करने के बाद आने वाली मु‎श्किलों में कानूनी सहायता देने के ‎लिए कानून बनाकर लागू किया गया है। क्यों‎कि भारत में हर साल हजारों भारतीय महिलाएं एक बेहतर भविष्य का सपना देखते हुए एनआरआई या ओसीआई से शादी कर विदेश में बस जाती हैं। इस तरह से औसतन 6 म‎हिलाएं प्र‎तिदिन एनआरआई से शादी कर रही हैं। कई बार इन महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है तो कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें एक नई जिंदगी का सपना दिखाकर कई एनआरआई पति अपनी पत्नियों को अकेले छोड़कर विदेश भाग चुके हैं। ऐसे ही धोखाधड़ी के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉ कमीशन ने अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) और भारतीय नागरिकों के बीच होने वाली शादियों में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की सिफारिश की है। 15 फरवरी 2024 को 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस रितु राज अवस्थी ने कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को गैर-निवासी भारतीयों और भारत के विदेशी नागरिकों से जुड़े वैवाहिक मुद्दों की 287वीं रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की गई है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 में बदलाव किया जाना चाहिए।

लॉ कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि पति या पत्नी के पासपोर्ट को एक-दूसरे के साथ लिंक करना अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा दोनों के पासपोर्ट पर मैरिज रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा जाए, ताकि पासपोर्ट में ही मैरिटल स्टेटस के बारे में जानकारी मौजूद हो। लॉ कमीशन ने कहा है कि एनआरआई और भारतीय नागरिक की शादी का 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ताकि बाद में रिश्ता टूटने पर मामले को फैमिली लॉ के दायरे में लाकर लीगल एक्शन लिया जा सके।

दरअसल आमतौर पर जब एक भारतीय नागरिक साल में 183 दिन भारत से बाहर रहता है, तो उस व्यक्ति को एनआरआई कहा जाता है, लेकिन यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अप्रवासी भारतीय या एनआरआई के पास इंडियन सिटीजनशिप या पासपोर्ट होना चाहिए। साल 2011 में विदेश मामलों की स्थायी समिति की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि ज्यादातर विदेशों में बसे भारतीय अपने विदेशी बेटों के लिए भारतीय दुल्हन ही चुनना पसंद करती हैं। ताकि उनके परिवार में भारतीय संस्कृति और परंपरा जीवंत रह सके।

‎नियम के मुता‎बिक एनआरआई से शादी के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इस मैरिज एक्ट के तहत किसी भी जाति, धर्म या राष्ट्र से जुड़े लोग आपस में शादी कर सकते हैं। शादी करने के लिए दोनों पार्टनर की उम्र 21 और 18 से ज्यादा होनी चाहिए और दोनों पार्टनर मेंटली और फिजिकली फिट होने चाहिए। विदेशी पार्टनर का 30 दिनों से ज्यादा भारत में रहने का सबूत होना चाहिए और उसका वैलिड पासपोर्ट होना चाहिए। शादी करने के 30 दिन के भीतर एनआरआई पति को शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होता है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो भारत सरकार भारत सरकार पासपोर्ट रद्द कर देती है।

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