सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र सरकार को फिर फटकार लगाई, जानिए क्या कहा…

नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कॉलेजियम की सिफारिशों पर केंद्र सरकार को फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने अटार्नी जनरल से कहा कि दशहरे की छुट्टियों से पहले जजों की नियुक्तियों से जुड़ा बड़ा हिस्सा खत्म हो जाए। जस्टिस संजय किशन कौल ने अटार्नी जनरल से कहा कि आप मुझे दशहरे के बाद अच्छी खबर देंगे।

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति के मामले पर ऐसे बैठी नहीं रह सकती है। कोर्ट ने केंद्र को आज फिर फटकार लगाते हुए अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा कि हर बार आप कोर्ट को समझा नहीं सकते। कॉलेजियम ने जो नाम केंद्र सरकार के पास भेजा है या तो उनकी नियुक्ति करें या फिर उन्हें अपने विचार के साथ वापस सुप्रीम कोर्ट के पास भेजे। मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।

सुनवाई के दौरान वकील अरविंद दातार ने इस बात पर जोर दिया कि जजों के लिए दोहराये गए नामों को रोका जाना चाहिए। तब कोर्ट ने अटार्नी जनरल से कहा कि दशहरे की छुट्टियों से पहले जजों की नियुक्तियों से जुड़ा बड़ा हिस्सा खत्म हो जाए। जस्टिस संजय किशन कौल ने अटार्नी जनरल से कहा कि आप मुझे दशहरे के बाद अच्छी खबर देंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितम्बर को भी जजों की नियुक्ति संबंधी सिफारिशों पर केंद्र सरकार की ओर से देरी पर केंद्र पर सख्ती दिखाते हुए कहा था कि हम इस मामले की निगरानी करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि हम बहुत कुछ कहना चाह रहे हैं लेकिन खुद को रोक रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि पिछले दस महीने में 80 नामों की सिफारिश की गई है, उन लोगों की नियुक्तियां केंद्र के पास लंबित हैं। वहीं 26 जजों के तबादले भी केंद्र के पास लंबित हैं। जिसमें संवेदनशील हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति भी लंबित है। कोर्ट ने कहा कि 7 लंबित नाम हैं जिन्हें दोहराया गया है। कोर्ट ने अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को केंद्र से निर्देश लेकर आने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने 03 फरवरी को अटार्नी जनरल से कहा था कि आपका रवैया परेशान करने वाला है। ऐसा ही रहा तो आप हमें मजबूर करेंगे कि हम कोई गंभीर फैसला लें। आप हमें कोई गंभीर फैसले लेने को विवश न करें। जस्टिस कौल ने अटार्नी जनरल से कहा था कि हमारे पास जो भी नाम नियुक्ति और तबादले के लिए थे वो हमने आपको भेज दिया है। अब हमारे पाए कुछ भी लंबित नहीं है। उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट में जजों के तबादले की हमारी सिफारिशों पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ। हम जजों के हाईकोर्ट में तबादलों की सिफारिशें करते हैं आप उसे भी लटकाए रखते हैं। यह गंभीर मुद्दा है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें