अतीक के खंडहर दफ्तर में मिले  खून के धब्बे, चाकू, साड़ी और चूड़ियां भी बिखरी मिलीं; किस तरफ है इशारा?

प्रयागराज (आरएनएस)। माफिया अतीक अहमद के खंडहर पड़े दफ्तर में सोमवार को जगह-जगह खून फैला मिला। सीढ़ियों, कमरे और किचन में खून के ताजे धब्बे मिले हैं। फर्स्ट फ्लोर पर एक महिला की साड़ी और कुछ अंडर गारमेंट्स मिले हैं। एक चाकू भी मिला है। पुलिस ने तुरंत फोरेंसिक साइंस लैब की टीम को जांच के लिए मौके पर बुलाया है। टीम जांच कर रही है कि ब्लड कितने दिन पुराना है, किसका है?

जानकारी के मुताबिक ऐसा लगता है कि देर रात या तो किसी पर चाकू से हमला किया गया था या फिर किसी ने यहां पर आत्महत्या करने की कोशिश की है।अतीक के ऑफिस की सीढ़ियों पर खून के धब्बे हैं, सीढ़ी की रेलिंग पर खून है, सीढ़ियों के पास से ही खून रिस-रिसकर नीचे ज़मीन पर टपका है। खून की बूंदों से साफ है कि ये खून ऊपर से टपका है। पहले तल पर रास्ते में ही एक छोटा चाकू भी मिला है। कमरे की अलमारी से कपड़े फैले हैं ऐसा लगता है कि किसी ने अलमारी खोल कर कपड़े भी निकाले हैं और कुछ फ़ाइल भी ले जाया गया है। सारी फ़ाइलें ज़मीन पर फैली हैं।

अतीक अहमद के चकिया स्थित ऑफिस में पुलिस की टीम पहुंची है। पुलिस टीम को यहां की दीवारों पर खून के धब्‍बे मिले हैं। साथ ही खून से सनीं चूड़ियां भी मिली हैं। कमरे में रखे दुपट्टे पर भी खून के छींटे पड़े मिले हैं।अतीक के ऑफिस में तलाशी चल रही है। पुलिस ने कहा है कि एफएसएल की जांच में ही इसका खुलासा होगा कि खून से सना चाकू, खून के धब्बे और खून से सना दुपट्टा किसका है। पुलिस ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक हम कुछ भी नहीं कह सकते।

ज्ञात हो कि यह दफ्तर अतीक के गढ़ चकिया इलाके में है। 2020 में इस पर प्रयागराज प्राधिकरण अथॉरिटी ने बुलडोजर चलाया था। तब से ये खाली पड़ा है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद इसी दफ्तर में पुलिस को 74 लाख रुपए कैश और 10 पिस्टल मिली थी।

एसीपी कोतवाली सतेंद्र पी. तिवारी ने बताया कि फोरेंसिक टीम यह जांच करेंगी कि ये धब्बे खून के हैं या कुछ और। खून के धब्बे हैं तो किसका खून हैं, यह भी जांच का विषय है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया जा रहा है। देखा जाएगा कि हाल ही में क्या कोई शख्स अंदर गया है? आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।

अतीक अहमद के इस दफ्तर का अगला हिस्सा दो बार गिराया जा चुका है। एक बार बसपा सरकार में 2006 में और दूसरी बार भाजपा सरकार में 2020 में। पीडीए ने 21 सितंबर 2020 को दफ्तर को गिरा दिया था। हालांकि पीछे का हिस्सा छोड़ दिया गया था। इसी पिछले हिस्से में उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस ने कुछ दिन पहले छापा मारकर 74 लाख 72 हजार रुपए और 10 पिस्टलें बरामद की थीं।

2020 में करीब छह घंटे की कार्रवाई के बाद अवैध रूप से निर्मित भाग को पूरी तरह से जमींदोज करा दिया गया था। पीडीए अफसरों का कहना था कि अवैध रूप से किए गए निर्माण को हटाने के संबंध में अतीक अहमद को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसने इसे नजरअंदाज कर दिया था, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई थी।

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