
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड (मृत) बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर मुहर लगाने वाले पार्टी नेता राहुल गांधी को जवाब दिया है. थरूर ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृतप्राय नहीं है जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है. ट्रंप ने कहा था कि भारत और रूस दोनों अमेरिका अपनी डूबती अर्थव्यवस्था को लेकर क्या कर रहे हैं, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता. राहुल गांधी ने ट्रंप के बयान पर कहा था कि उन्होंने गलत क्या कहा. पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा सब जानते हैं.
थरूर ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ भारत बातचीत कर रहा है. ब्रिटिश सरकार के साथ भारत एक समझौता कर चुका है. अन्य देशों से भी चर्चा जारी है. अगर हम अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते तो हमें अपने बाजारों में वैराइटी लानी पड़ेगी. विकल्पों की कमी नहीं है.
थरूर ने कहा कि ये हमारे लिए बेहद गंभीर मसला है. हमारे ऊपर 25 फीसदी टैरिफ लगाया गया है. रूस से तेल-गैस खरीदने पर अनिश्चित जुर्माना लगाया गया है. ये उसे 35-45 फीसदी तक ले जा सकते हैं. यहां तक कि 100 फीसदी जुर्माने की भी चर्चा की गई है. ये अमेरिका के साथ हमारे व्यापार को खत्म कर देगा. ट्रेड डील को लेकर वार्ता अभी भी चल रही है और संभावना है कि ये कम हो सकता है. अगर ऐसा नहीं होता है कि तो इससे हमारे निर्यात को नुकसान पहुंचेगा. दूसरी तरफ, अगर उनकी मांग अतार्किक है तो हमारे वार्ताकारों का अधिकार है कि उसका विरोध करें. अमेरिका को हमारी जरूरतें भी समझनी होंगी. अमेरिका पर हमारे टैरिफ अतार्किक नहीं हैं. यह औसतन 17 फीसदी है. अमेरिकी सामान इतने प्रतिस्पर्धी नहीं हैं कि वो भारतीय बाजार में बेचे जा सकें.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि भारत को अमेरिका की अनुचित मांगों के सामने नहीं झुकना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्रंप की आलोचना की. ऐसा दावा या तो अहंकार या अज्ञानता से प्रेरित हो सकता है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने ट्रंप के बयान को बेतुका बताया. उन्होंने कहा, भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर नहीं है. कोई दावा करे कि वो हमें आर्थिक तौर पर बर्बाद कर सकता है, तो यह गलतफहमी है. ट्रंप भ्रम में जी रहे हैं.” शुक्ला ने कहा कि यह चिंता का विषय नहीं है. कोई भी देश यह तय नहीं कर सकता कि भारत किसके साथ व्यापार करेगा.