कानपुर की तीन तहसीलों में बाढ़ का अलर्ट: गंगा के जल स्तर की निगरानी में जुटा महकमा

कानपुर ; पहाड़ों मे हो रही मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड के बांध भी जवाब दे गए हैं। रोजाना लाखों क्यूसेक बांधों के जरिए गंगा में छोड़ा जा रहा है। इससे गंगा किनारे शहरों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हरिद्वार से 19 जून को लगभग 4 लाख क्यूसेक गंगा में छोड़ा गया। अगले 24 घंटे में ये पानी कानपुर पहुंच सकता है। इसको देखते हुए दैवीय आपदा प्रबंधन एक्टिव हो गया है। एसडीएम बिल्हौर, नर्वल और सदर को अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं गंगा के निचले इलाकों में रह रहे लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है।

गंगा के जल स्तर की निगरानी में जुटा महकमा

दैविय आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज द्विवेदी के मुताबिक गंगा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। अलर्ट जारी कर दिया है। आज या कल में पानी कानपुर में पहुंचेगा तो गंगा के वाटर लेवल में तेजी से वृद्धि संभावित है। वहीं सिंचाई विभाग भी गंगा के वाटर लेवल पर 24 घंटे नजर रखे हुए हैं। गंगा बैराज पर वाटर लेवल 113 मीटर से ऊपर जाते ही बैराज के गेट खोलकर पानी छोड़ा जाएगा।

11 बाढ़ चौकियां बनाई गई
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 11 बाढ़ चौकियां बनाई गई है। कटरी शंकरपुर सराय, गंगा बैराज, नवाबगंज स्थित प्राथमिक स्कूल, समेत अन्य जगहों पर बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। बता दें कि हरिद्वार से पानी छोड़े जाने पर कानपुर तक पहुंचने में 3 से 4 दिन का समय लगता है। अब कभी भी पानी कानपुर पहुंच सकता है।