काले कानून वापस लेने पर भारत सरकार को किसान संगठनों के सामने झुकना पड़ा

रुड़की। भारत सरकार द्वारा बनाये गये तीन कृषि कानून प्रधानमंत्री द्वारा वापस लिये जाने के निर्णय के ऐलान के बाद से किसान संगठन अपनी खुशी का इजहार कर रहे है। भारतीय किसान यूनियन (ए) ने भी तीनों कानूनों को काला कानून बताते हुए कहा कि यह किसान संगठनों की जीत है। किसान विरोधी काले कानून वापस लेने पर भारत सरकार को किसान संगठनों के सामने झुकना पड़ा हैै।

हाजी रईस अहमद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संसद में तीन कृषि कानून पारित कर किसानों पर थोपने का प्रयास किया जा रहा था। किसान संगठन कानून पारित होने के बाद से इन कानूनों का विरोध कर रहे थे। किसान संगठनों के विरोध के सामने प्रधानमंत्री को झुकना पड़ा है। किसान नेता हाजी रईस अहमद ने कहा कि काले कानून प्रधानमंत्री मोदी ने वापस नहीं लिये है बल्कि किसान संगठनों के विरोध के सामने उन्हें झुकना पड़ा है। एक तरह से यह कानून वापस कराये गये है। उन्होनें कहा कि कानून वापसी के विरोध में किसान यूनियन सरकार ए से जुडे तमाम किसान नेता व अन्य सहयोगी संगठन, आम लोग एकजुट होकर इन कानूनों के खिलाफ खड़े हुए, यह जीत उन किसानों की है जिन्होनें काले कानून वापस कराने में अपनी शहादत दी है। यह उन सभी लोगों की जीत है जो एकजुट होकर किसान यूनियन सरकार के व अन्य संगठनों के साथ खड़े रहे। उन्होनंे कहा कि जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बन जाता तब तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होनंे कहा कि संगठन किसानों के हक की लड़ाई जारी रखेगा। उन्होनें कमीशन बनाकर किसानों के अन्य मुद्दे हल करने की मांग भारत सरकार से की। इस मौके पर संस्थापक राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष किसान उत्थान मौ. आरिफ राजपूत, राव जाहिद, राव आबिद, खुर्शीद अली, मौ. हारून, जाबिर अली, ए.ए. खान, चौ. यशपाल, चौ अमित, डॉ. अश्वनि पाल, आशू राणा, शहजाद, हाजी शफीक, हाजी सईद आदि मौजूद रहे। 

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