कैसरगंज सीट : बज गई रणभेरी, योद्धा नदारद



-हरि नारायण शुक्ल
गोंडा, देवीपाटन मंडल की कैसरगंज सीट पर नामांकन षुरू हो गया और आधा दर्जन लोगों ने पर्चा खरीदा , गोंडा सीट से 11 लोगों ने पर्चा खरीदा। ये महारथी रणभेरी बजाने को बेताब है। वहीं कैसरगंज सीट पर योद्धा नदारद है और भाजपा व सपा व बसपा ने उम्मीदवारों की घोशणा नहीं की। ऐसा पहली बार लोक सभा चुनाव में देखने को मिल रहा है।चुनाव से ज्यादा यह सीट उम्मीदवारों की घोशणा को लेकर चर्चा में आयी है।


वर्तमान में यहां पर भाजपा सांसद वृजभूशण षरण सिह है। वह कुष्ती संघ के राश्टृीय अध्यक्ष रहे और विवाद के बाद कुष्ती संघ भंग कर दिया गया। इसके बाद खिलाडियों ने जंतर मंतर पर आंदोलन किया और प्रकरण न्यायालय पहुंच गया। इस प्रकरण को लेकर भाजपा ने सांसद श्री सिंह के टिकट की घोशणा नहीं की लेकिन सांसद श्री सिह मैदान में ताल ठोकने को निकल पडे। अब जब 26 अप्रैल को संसद पद का नामांकन पत्र बिकना षुरू हुआ तो अरूणिमा पांडेय, वैभव कुमार श्रीवास्तव, नरेंद्र पांडेय, गौतम प्रसाद षर्मा,विनोद कुमार पटेल ने पर्चे खरीदे और नामांकन की तैयारी में जुट गये। 30 अप्रैल को अधिकांष अपना पर्चा दाखिल करेंगे।ये सभी निर्दल उम्मीदवार है और ये रथी नहीं है और महारथी योद्धा भाजपा, सपा व बसपा से मैदान में नहीं आये और न ही कोई नामांकन पत्र खरीदा गया।


वैसे तो कैसरगंज सीट पर कांग्रेस, सपा व भाजपा का ही कब्जा रहा है, बेनी वर्मा इस सीट पर कई बार बिजयी हुए, सपा से एक बार वृजभूशण षरण सिंह चुनाव जीते और दो बार भाजपा से। पहली बार ऐसा हुआ जब कोई राजनीतिक दल अपना प्रत्याषी नहीं घोशित कर रहा है।चर्चा है कि भाजपा का चेहरा देख सपा व बसपा अपना उम्मीदवार तय करेंगे। वृजभूशण षरण सिंह के राजनीतिक प्रतिदवन्दी विनोद कुमार सिंह उपर्फ पंडित सिंह कोरोना में स्वर्ग सिधार गये तो ताल ठोकने वालों की कमी दिख रही है। इस सीट में विधान सभा तरबगंज जहां से प्रेमनारायण पांडेय विधायक, कर्नलगंज विधान सभा जहा से अजय सिह विधायक, कटराबाजार से बावन सिह विधायक , पयागपुर से सुभाश त्रिपाठी भाजपा से विधायक है वहीं एक सीट कैसरगंज से सपा के राम तेज यादव विधायक हैं। इनकी प्रतिश्ठा संसदीय चुनाव से जुडी है। अब जब रण भेरी बज चुकी है लेकिन समर से योद्धा ही गायब है। सांसद वृजभूशण षरण सिंह ने दावा किया है कि टिकट की घोशणा 27 से 29 तक होगी। रविवार के बाद सोमवार को नामांकन पत्रों की बिक्री व नामांकन होने है और समर में आने वाले योद्धाओं के पास दो दिन का ही वक्त बचा है।

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