कोरोना का डर ! युवती को छींकता देख भाग खड़ा हुआ ज़िला अस्पताल का स्टॉफ, देखे फिर क्या हुआ…

जौनपुर । जिला अस्पताल में शनिवार को पहुंची एक युवती की हालत देख किसी डॉक्टर की हिम्मत नहीं हुई कि इलाज के लिए उसे हाथ भी लगा सके। वो लगातार छींक रही थी। दर्द से चिल्ला रही थी। फर्श पर पड़ी मदद की गुहार लगा रही थी, लेकिन घंटों न उसे इलाज मिला न मदद। इसी बीच मीडिया का कैमरा चमका तो आनन-फानन में उसे भर्ती किया गया। पूरा मामला शनिवार को ज़िला अस्पताल में सामने आया।

बक्शा थानांतर्गत निवासी एक युवती कुमकुम सिंह पुत्री सुरेश सिंह इलाज के लिए परिजनों के साथ शहर के कई अस्पतालों में गई। सभी अस्पतालों में बंदी होने के कारण उसे दिखाया नहीं जा सका। जो खुले थे उन्होंने इलाज से इनकार कर दिया। इसके बाद परिजन उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। उनको वहां भी राहत नहीं मिली। वहां युवती की हालत देख अस्पताल प्रशासन भाग खड़ा हुआ। वो लगातार फर्श पर पड़ी तड़प रही थी। उसे लगातार छींक भी आ रही थी। वो कोरोना की चपेट में न आ गई हो, इसलिए सभी ने दूरी बना रखी थी। इलाज तो दूर उसे स्ट्रेचर भी न मिला। इसी बीच कुछ पत्रकार वहां पहुंच गए। अस्पताल की फर्श पर उसे तड़पता देखा तो कैमरा निकालने के साथ ज़िला प्रशासन के उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। दबाव और फटकार मिली तो आनन—फानन में उसे भर्ती किया गया। कोरोना का पता लगाने के लिए उसका सैम्पल भी लिया गया।

इस मामले में जब मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ अनिल कुमार शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने अस्पताल प्रशासन को दोषी न ठहराते हुए पत्रकार को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। सीएमएस के अनुसार पत्रकार ने इस घटना को ऐसा रूप दे दिया जिसके बाद डॉक्टर और कर्मचारी डर गए थे। मैंने मौके पर पहुंच कर उसे भर्ती किया है। उसका सैम्पल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है।रिपोर्ट आने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर मीडिया का कैमरा न होता तो उस लड़की को न जाने कितने घंटे फर्श पर ही तड़पना पड़ता

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