झारखंड में कोरोना ने जमकर मचाया कोहराम, महज दो महीने के अंदर 228 संक्रमितों ने तोड़ा दम

वैश्विक महामारी कोरोना का कहर धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। हालांकि, पिछले दो महीने के दौरान इस महामारी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में जिस तरह से कोहराम मचाया, उसने हर किसी को झकझोर के रख दिया। बात करें झारखंड के बोकारो जिले की तो यहां इस खतरनाक वायरस की दूसरी लहर ने जमकर तांडव मचाया। महज दो महीने के अंदर यहां 228 संक्रमितों की मौत हो गई। इस दौरान बोकारो के चास गरगा नदी के किनारे स्थित श्मशान घाट पर सैकड़ों की संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

बोकारो में कोरोना ने कैसे मचाया तांडव, जानिए
बोकारो के जिला चिकित्सा पदाधिकारी अशोक कुमार पाठक ने बताया कि 2 अप्रैल से 31 मई तक जिले में कोरोना संक्रमण से 228 मरीजों की मौत हुई। संक्रमित मरीजों का आंकड़ा देखें तो 2 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 2752 पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें 2636 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौटे। वहीं, अप्रैल के बाद मई महीने में संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई। मई में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 4385 से बढ़ते हुए 7137 तक पहुंच गया। जिनमें से 6269 मरीज स्वस्थ्य हुए।


मई में सबसे तेज रही महामारी की दर, 19 मई को 11 मरीजों की गई जान
आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस 7 मई को सामने आए। इस दिन कुल 745 संक्रमित मरीज मिले। वहीं 19 मई को सबसे ज्यादा 11 संक्रमितों की मौत हुई। हालांकि, सूबे में लॉकडाउन लगने के बाद धीरे-धीरे इसका असर नजर आने लगा। 23 मई से संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने लगी। साथ ही संक्रमित मरीजों का स्वस्थ होने का ग्राफ ऊंचा हो गया। वहीं अब नए मरीजों का आंकड़ा थम गया है।

श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लगा रहा तांता
भले ही कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ चुकी है, लेकिन महामारी जब पीक पर थी तो बोकारो के चास गरगा नदी के किनारे श्मशान घाट पर सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। अप्रैल और मई महीने में कुल 1024 शव बोकारो के चास श्मशान घाट में जलाए गए। प्रबंधक लखन महथा ने बताया कि अप्रैल में 454 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें 116 शव कोविड संक्रमित थे। इसके बाद मई महीने में 570 शवों का अंतिम संस्कार इस घाट पर किया गया। जिसमें 186 शव कोरोना संक्रमित थे।