टूटी उम्मीदें : अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की जमानत अर्जी HC ने की खारिज..

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर विकास दुबे की बहू खुशी दुबे की जमानत याचिका खारिज कर दी है। खुशी, विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी है। बीते साल 2 जुलाई को कानपुर के बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला हुआ था। इसमें सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बाद में अमर और गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर किया था। खुशी इस प्रकरण में साजिशकर्ता है।

खुशी दुबे को पुलिस ने घटना के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन वह नाबालिग निकली थी। जिस पर उसे बाराबंकी के एक शेल्टर होम में रखा गया है। उसने जमानत याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने एक जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। यह फैसला जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच ने दिया है।

हाईकोर्ट ने की अहम टिप्पणी

सेहत खराब होने का दिया था हवाला
खुशी ने खुद के बेगुनाह होने और जेल में सेहत खराब होने का हवाला देकर जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की थी। इस मामले में जमानत अर्जी जनवरी में ही दाखिल की गई थी। कोरोना की वजह से पिछले कई महीनों से सुनवाई नहीं हो सकी थी। एक जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई दोबारा की गई।

दो जुलाई 2020 को हुई थी 8 पुलिसकर्मियों की हत्या

कानपुर में दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुर धस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद उसी रात करीब 12:30 बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरु गांव में दबिश दी गई। मुखबिरों ने पुलिस की कार्रवाई को लीक कर दिया था। विकास और उसके गुर्गे पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। घर तक पुलिस का वाहन न पहुंच सके इसलिए जेसीबी लगाकर रास्ता रोक दिया गया था। पुलिस की टीम जैसे ही जेसीबी तक पहुंचीं, बदमाशों ने उन पर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं।

चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर ये सभी फरार हो गए थे। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी थीं। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। 45 आरोपी जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल जारी है

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