
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डॉक्टरों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 72 साल की बेहोश महिला को बिना जांच के मृत घोषित कर दिया।
परिजन जब महिला को चिता पर लिटा रहे थे, तब महिला के शरीर में हरकत हुई। लोग हैरान हो गए। महिला को फौरन एंबुलेंस से वापस अस्पताल भेजा गया, लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई।
रायपुर मेकाहारा के डॉक्टरों ने बेहोश महिला को बता दिया मृत, चिता पर लिटाते समय शरीर में हुई हलचल, एंबुलेंस से वापस भेजा अस्पताल @RaipurSmartCity @RaipurDist @HealthCgGov @RaipurPoliceCG pic.twitter.com/IH90HPCmUQ
— The Rural Press (@theruralpress) April 28, 2021
रायपुर के नीरज जैन ने बताया, उनकी 72 साल की नानी लक्ष्मी बाई अग्रवाल बुधवार दोपहर को खाना खाते समय बेहोश जैसी हो गईं थीं। हम लोग आनन-फानन में एम्बुलेंस से उन्हें लेकर मेकाहारा पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने ऊपरी तौर पर ही देखा और बताया कि वे मर चुकी हैं। साथ में गए सभी लोग बेहद दुखी थे। इसलिए नानी को लेकर वे लोग गोकुल नगर श्मशान पहुंचे।
वहां चिता पर लिटाते समय लोगों को उनके शरीर में हरकत महसूस हुई। देखा गया तो पल्स चल रही थी। बाद में एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल भेजा गया। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने दोपहर में ही उनको ठीक से देखा होता और इलाज शुरू हो जाता तो वे बच सकती थीं।
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ऐसा पहली बार देखा
सामाजिक संस्था “एक पहल” के रितेश अग्रवाल ने बताया, उनकी संस्था पिछले कई महीनों से कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार में प्रशासन की मदद कर रही है। आज भी आम दिनों की तरह ही पार्थिव देह आई। मृत महिला के साथ उसकी रिश्तेदार भी थे, उसने नर्स के कपड़े पहन रखे थे।
हमनें शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयारी शुरू की। हमारी टीम के लड़के चिता बना रहे थे, जब हमने बॉडी को उठाया तो हमें हलचल महसूस हुई। ध्यान से देखने पर पता चला कि बुजुर्ग महिला की तो सांसें चल रही हैं। पल्स वगैरह देखा गया तो उनमें भी हरकत थी। फौरन दूसरी एंबुलेंस बुलाकर महिला को वापस अस्पताल भेजने की प्रक्रिया की गई। मैनें ऐसा पहली बार देखा।
अस्पताल ले गए तब तक हो चुकी थी मौत
महिला के परिजन उन्हें लेकर फिर से अम्बेडकर अस्पताल पहुंचे। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने दोपहर में ही उनको ठीक से देखा होता और इलाज शुरू हो जाता तो वे बच सकती थीं।
अस्पताल ने कहा, ECG से की थी मृत्यु की पुष्टि
डॉ. भीमराव आम्बेडकर प्रबंधन ने महिला की मौत पर सफाई दी है। महिला को शाम 4.30 बजे 108 एम्बुलेंस से लाया गया था। उनके साथ उनकी पोती निधि जैन थीं। केजुअल्टी विभाग में उनकी ECG की गई जो फ्लैट आया। इसके आधार पर उन्हें मृत घोषित किया गया। उसके बाद उनकी कोरोना जांच की गई जो निगेटिव था। उसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। शाम 7 बजे के करीब परिजन उनका शव लेकर दोबारा अस्पताल पहुंचे। आम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन ने बताया परिजनों को संदेह था कि उनकी सांसें चल रही हैं। पुष्टि के लिये दोबारा जाच की गई। पता चला कि शव में राइगर मोर्टिस (मांस पेशियों की अकड़न) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उसमें जीवन का कोई संकेत मौजूद नहीं है।
