ताहिर हुसैन का नया खुलासा, भीड़ से कहा था- ‘हिंसा नहीं की तो मुसलमानों को भारत छोड़कर भागना होगा’

दिल्ली दंगों ने सिर्फ राजधानी ही नहीं पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस मामले के मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन ने अपने कबूलनाने में पुलिस को बताया था कि कैसे उसने दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों की योजना बनाई थी और कैसे उसने कानून की पकड़ से बचने के लिए झूठा पीसीआर कॉल करके षडयंत्र रचा था.

अब दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र यानी चार्जशीट में ताहिर हुसैन द्वारा किए गए एक और खुलासे का जिक्र किया है. ताहिर ने बताया है कि दिल्ली के दंगों कि योजना कितने बेहतर तरीके से तैयार की गई थी. बीते साल दिसंबर के मध्य से इस पर अमल शुरू कर दिया गया था.

दिल्ली पुलिस ने FIR संख्या 59 से संबंधित अपनी ‘फाइनल रिपोर्ट’ की सप्लीमेंट्री चार्जशीट अदालत में दाखिल की है, इसमें दिल्ली हिंसा में ताहिर हुसैन की संलिप्तता को लेकर नए खुलासे हुए हैं.

ताहिर हुसैन ने अपने बयान में खुलासा करते हुए बताया कि उसी ने 16 दिसंबर को भजनपुरा में बस में आग लगाने वाली भीड़ को इकट्ठा किया था. 17 दिसंबर को हिंदुओं पर पथराव करने के लिए भीड़ जुटाई थी. 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया के विरोध और उसके बाद की पुलिस कार्रवाई के बाद से अपनी भूमिका का उसने खुलासा किया है.

ताहिर हुसैन ने बताया है कि 15 दिसंबर को जामिया के विरोध प्रदर्शन और दंगाइयों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद वह काफी आक्रोश में आ गया था. उसने अपने क्षेत्र के मुसलमानों से बात करने का फैसला किया कि कैसे नागरिकता संशोधन अधिनियम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है, इसकी वजह से मुस्लिम अपनी नागरिकता खो देंगे और फिर उन्हें भारत से भागना पड़ेगा. ताहिर ने बताया कि मुस्लिमों की भीड़ में वो कहता था कि यदि हिंदुओ के खिलाफ हिंसा नहीं की तो भारत छोड़कर भागना होगा.

16 दिसंबर को उसने अपने क्षेत्र के मुस्लिमों से बात करना शुरू किया और उन्हें उस दिन 12 बजे फारुखिया मस्जिद, बृजपुरी पुलिया के पास इकट्ठा होने के लिए कहा. ताहिर हुसैन खुद फारुखिया मस्जिद लगभग 12:30 बजे पहुंचा. उसने बताया कि 1 बजे तक कम से कम 1,000 मुस्लिम उसकी बात सुनने के लिए इकट्ठा हो गए थे.

उसने बताया है कि जब वह 16 दिसंबर को भीड़ से मुखातिब था तभी वहां पर अचानक से पुलिस पहुंच गई. पुलिस को देखते ही कई लोग छिपने के लिए मस्जिद के अंदर चले गए और नमाज पढ़ने का बहाना बनाया. वहीं कुछ लोग पास वाली गलियों में छुप गए.

ताहिर हुसैन ने खुलासा किया है पुलिस के चले जाने के बाद मुस्लिम जामा मस्जिद के लेन 10 में इकट्ठा हुए और सीएए के ‘मुस्लिम विरोधी’ होने के बारे में फिर से बैठक शुरू की. इन बैठकों के लिए 50-60 लोग मौजूद थे. ताहिर ने खुलासा किया कि रात के 8 बजे उन लोगों ने आगे की रूपरेखा तय करने के लिए अल हिंद नर्सिंग होम के डॉ. एमएम अनवर से मिलने का फैसला किया.

ताहिर हुसैन का कहना है कि 17 दिसंबर को डॉ. अनवर के साथ उसने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ एक रैली निकालने की योजना बनाई थी. रैली के दौरान, फारुखिया मस्जिद के सामने ताहिर हुसैन ने 70-80 मुसलमानों से बात करते हुए कहा था कि पीएम मोदी और अमित शाह के रहते हुए अगर सीएए पास हो जाता है, तो सभी मुसलमानों को भारत छोड़कर भाग जाना होगा. ताहिर ने उन्हें यह भी बताया कि यदि वे भारत से भागना नहीं चाहते हैं, तो ‘उन्हें (पीएम मोदी-अमित शाह) उनको घुटनों पर लाने के लिए’ तैयार रहना चाहिए.

ताहिर हुसैन ने खुलासा किया कि उस समय फिर से पुलिस के आ जाने से रैली की योजना रद्द कर दी गई. भीड़ को विभिन्न दिशाओं में तितर-बितर कर दिया गया. उसका कहना है कि रैली रद्द होने के कारण, वह काफी गुस्से में था. 17 दिसंबर की शाम लगभग 8 बजे, उसने तिरपाल फैक्ट्री के पास 200-250 लोगों को इकट्ठा किया और बिजली जाने का फायदा उठाते हुए, भीड़ से हिंदुओं पर पथराव शुरू करवा दिया दिया. उसने कबूल किया कि वो लोग 30 मिनट तक हिंदुओं पर हमला करते रहे और तभी पुलिस ने आंसू-गैस भी छोड़ी थी. जब एक बड़ा पुलिस बल मौके पर पहुंचा, तो भीड़ तितर-बितर हो गई और ताहिर हुसैन भाग गया.