दाएं बनाम बाएं: आखिर भारत-यूके और अमेरिका-फ्रांस की सड़कों में फर्क क्यों? जानें पीछे की इतिहास की कहानी”

नई दिल्ली । क्या आपने कभी सोचा है कि भारत, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में गाड़ियां सड़क के बाईं ओर क्यों चलती हैं, जबकि अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में यही गाड़ियां दाईं ओर दौड़ती हैं? यह कोई संयोग नहीं, बल्कि इसका सीधा संबंध ब्रिटिश साम्राज्य, फ्रांसीसी क्रांति और अमेरिकी स्वतंत्रता आंदोलन से है।

इतिहासकारों के अनुसार, मध्ययुगीन यूरोप में लोग घोड़े पर चलते थे और अधिकतर दाएं हाथ से तलवार लेकर चलाते थे। इसकारण सड़क के बाईं ओर चलना अधिक सुरक्षित माना जाता था, ताकि दायां हाथ हमले या आत्मरक्षा के दौरान फ्री रहे। यह परंपरा ब्रिटेन में लंबे समय तक रही और बाद में उनके उपनिवेशों में भी लागू हुई।

इसके बाद 1789 की फ्रांसीसी क्रांति के बाद, सत्ता परिवर्तन के साथ ही सामाजिक संकेत भी बदले। कुलीन वर्ग बाईं ओर चलता था, जबकि आम लोग दाईं ओर। क्रांति के बाद दाईं ओर चलना समानता का प्रतीक बना। नेपोलियन बोनापार्ट ने इस नियम को अपने अधीनस्थ देशों में लागू कर दिया।

वहीं ब्रिटेन ने फ्रांसीसी बदलाव को नकार कर लेफ्ट साइड ड्राइविंग को बनाए रखा। यही नियम भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे ब्रिटिश उपनिवेशों में लागू हुआ। भारत में अंग्रेजों ने सड़कों और रेलवे के निर्माण में भी इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया। आजादी के बाद भी भारत ने इस नियम में बदलाव नहीं किया, क्योंकि इसके बदलाव की लागत बहुत अधिक होती।

अमेरिका ने जब ब्रिटेन से स्वतंत्रता हासिल की, तब अमेरिका ने जानबूझकर कई ब्रिटिश नियमों को अस्वीकार किया। इसमें लेफ्ट साइड ड्राइविंग भी शामिल थी। अमेरिका में बड़े घोड़ागाड़ियों को नियंत्रित करने के लिए चालक दाईं ओर बैठता था, जिससे राइट साइड पर ड्राइविंग अधिक व्यावहारिक साबित हुई। स्वीडन ने 1967 में ड्राइविंग की दिशा को बदलते हुए लेफ्ट से राइट साइड अपना लिया, ताकि अपने यूरोपीय पड़ोसियों से तालमेल बना सके। हालांकि, अधिकांश देशों ने अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ समझौता नहीं किया।

टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सेल्फ-ड्राइविंग कारें और एआई आधारित सिस्टम इस अंतर को अप्रासंगिक बना सकते हैं। लेकिन जब तक परंपराएं जीवित हैं, सड़क के किनारे का चुनाव केवल तकनीकी नहीं, सांस्कृतिक पहचान का भी सवाल बना रहेगा।

दुनिया का आंकड़ा
35 प्रतिशत देश लेफ्ट साइड ड्राइविंग फॉलो करते हैं
65 प्रतिशत देश राइट साइड पर चलते हैं
भारत में गाड़ियों का बाईं ओर चलना महज एक ट्रैफिक नियम नहीं, बल्कि एक औपनिवेशिक विरासत है। वहीं अमेरिका का राइट साइड सिस्टम उसकी आज़ादी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड योगी सरकार ने महाकुंभ के दौरान सबसे बड़े सफाई अभियान का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। CM Yogi : ‘हैरिंग्टनगंज’ नहीं ‘विष्णु नगर’ नाम बोले इस प्यार को क्या नाम दूं… फारुक अब्दुल्ला ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन