देश भर के हजारों छात्र नहीं दे पाएंगे सीए का एग्जाम, आखिर क्या है वजह

-इस बार आईसीएआई ने 31 अगस्त को ही बंद कर दिया ऑनलाइन विंडो

नई दिल्ली (ईएमएस)। इस बार देश के हजारों छात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) एग्जाम नहीं दे पाएंगे। इसकी वजह यह है कि इंडियन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट (आईसीएआई) ने इस बार सीए की ऑनलाइन एग्जाम फॉर्म भरने कीऑनलाइन विंडो 31 अगस्त को ही बंद कर दिया। इस कारण देशभर के हजारों छात्र फॉर्म भरने से वंचित रह गए।

गौरतलब है कि हर बार आईसीएआई द्वारा सीए की ऑनलाइन एग्जाम फॉर्म की डेट सितम्बर के पहले सप्ताह तक की होती है। इस कारण अधिकांश छात्र सितंबर में फॉर्म भरने की तैयारी करके बैठे थे। लेकिन इस बार आईसीएआई द्वारा 31 अगस्त को ही ऑनलाइन विंडो बंद कर दिया गया। इस दौरान देश के हजारों छात्र एग्जाम फॉर्म नहीं भर पाए। छात्रों ने काउंसिल मेंबर्स और आईसीएआई के अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाटी तक से गुहार लगा चुके है। छात्र एग्जाम फॉर्म लेट फीस के साथ भी भरने तैयार है। लेकिन आईसीएआई द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। देश भर में ऐसे छात्रों की संख्या लगभग 1 हजार से अधिक है। पहले भी विषम परिस्थितियों में भी आईसीएआई फॉर्म भरने की तारीख बढ़ाई है। लेकिन इस बार आईसीएआई का रुख कड़ा है। सूत्रों का कहना है की संगठन के पदाधिकारी तो दोबारा ऑनलाइन विंडो खोलने के लिए तैयार है, लेकिन प्रेसिडेंट इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में हजारो बच्चों का भविष्य अंधकार में पड़ गया है।

-अगली बार शुरू होगा नया कोर्स
गौरतलब है की आईसीएआई मई 2024 से नए कोर्स ला रहा है जबकि पुराने कोर्स को नवंबर 2023 के एग्जाम तक ही रखा है। जो छात्र पिछले कई सालों पुराने कोर्स के अंतर्गत तैयारी कर हैं उन्हें कम से कम 2 बार पुराने सिलेबस के तहत एडिशनल अटेम्प्ट्स मिलने चाहिए थे। जो अब नहीं मिल रहा है। इतनी जल्दी न्यू कोर्स में कन्वर्ट करना, सब्जेक्ट में कन्वर्ट करना और नए सिलेबस में कन्वर्ट करना आसान नहीं होता।

-बच्चों की गुहार सुनने कोई तैयार नहीं
आईसीएआई द्वारा ऑनलाइन एग्जाम फॉर्म भरने की ऑनलाइन विंडो 31 अगस्त को ही बंद कर देने के कारण हजारों छात्र परेशान हैं। स्थिति यह है कि छात्र 24 से 48 घंटे के लिए एग्जाम फॉर्म पोर्टल खोलने की गुहार लगा रहे है। पहले भी कई विभिन्न कोर्सो में हैवी पेनल्टी के साथ छात्रों को परीक्षा फॉर्म भराये गए है। एग्जाम फॉर्म भरने से रह गए छात्र अपनी गलतियां मान रहे हैं। उन्होंने अपनी रिक्वेस्ट काउंसिल मेंबर्स और काफी सारे मेंबर्स के माध्यम से प्रेसिडेंट तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की है। यह उनके संज्ञान में लाया जा चुका है। लेकिन छात्रों की गुहार पर अभी तक किसी ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है।

-मानसिक अवसाद में छात्र
फॉर्म भरने से वंचित रह गए छात्र हर तरह की सजा भुगतने को तैयार हैं, बशर्ते उनका फॉर्म भरवा दिया जाए। दरअसल, छात्र सालों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। अगर इस बार उनका फॉर्म नहीं भराता है तो अगली बार नया सिलेबस लागू होने के बाद उनकी तैयारियां धरी की धरी रह जाएंगी। इस चिंता में छात्र अवसाद के शिकार हो रहे हैं। आईसीएआई के पदाधिकारियों को भी पता है कि कुछ बच्चे हैं जिनका नुकसान हो रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को एग्जाम देने की व्यवस्था करना चाहिए। अगर आवश्यकता है तो छात्रों पर भारी पेनल्टी भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से कम से कम छात्रों का भविष्य तो अंधकार में नहीं जाएगा।

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