नौसेना के लिए आंख, कान बनकर लंबी दूरी तक दुश्‍मन का सफाया करेंगे रोमियो, जाने इसकी खासियत

नई दिल्ली । ​मल्टीरोल एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों पर प्रशिक्षण के लिए भारतीय नौसेना के 18 कर्मियों की एक टीम इस समय अमेरिका पहुंची है। ​अगले माह भारतीय नौसेना को अमेरिका में तीन हेलीकॉप्टर सौंप दिए जायेंगे जिनका इस्तेमाल वहां गई नौसेना की टीम को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाएगा। ​एयरक्रू और तकनीकी चालक दल के पहले बैच का प्रशिक्षण अमेरिका के पेंसाकोला, फ्लोरिडा और सैन डिएगो में शुरू होगा।​ यह नए हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना के लिए आंख, कान और लंबी दूरी तक दुश्‍मन का सफाया करने वाले हथियार बनेंगे।

मल्टीरोल हेलिकॉप्टर एमएच-60 रोमियो ने तैयार होने के पहली उड़ान लगभग दो माह पहले अमेरिका में लॉकहीड मॉर्टिन के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में भरी थी। अमेरिकी नौसेना के नेवल एयर सिस्टम कमांड ने इसकी तस्वीरें भी जारी की थीं। एमएच 60 रोमियो हेलिकॉप्टरों को समुद्र में ‘उड़ता फ्रिगेट’ कहा जाता है। इस हेलिकॉप्‍टर में कई मोड वाले रेडॉर, नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं जो दुश्‍मन की सबमरीन को तबाह करने में सक्षम हैं। भारत के पास इस समय 140 युद्धपोत हैं लेकिन इस तरह के अटैक नेवल हेलिकॉप्‍टर की सख्‍त कमी महसूस की जा रही है। दुनियाभर में करीब 300 एमएच 60 रोमियो सी हॉक हेलिकॉप्टर इस्‍तेमाल किए जा रहे हैं। इस हेलिकॉप्‍टर की मारक क्षमता करीब 834 किलोमीटर है और वजन 689 किलो है।

​​भारतीय नौसेना ​की 18 सदस्यीय टीम वैश्विक साझेदारी को मजबूत करते हुए दो हेलीकॉप्टरों के साथ प्रशिक्षण शुरू करने के लिए ​​नेवल एयर स्टेशन पेंसकोला और नॉर्थ आइलैंड ​पहुंची है​। ​​​प्रारंभिक प्रशिक्षण ​पूरा होने ​के बाद ​अगले माह ​जुलाई में भारतीय नौसेना को तीन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की जानी है, जिनका उपयोग अमेरिका में​ भारतीय नौसेना की टीम को विशेष प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। एमएच-60 हेलीकॉप्टरों का पहला जत्था जून​,​ 2022 तक भारत पहुंचेगा। ​​एयरक्रू और तकनीकी चालक दल के पहले बैच का प्रशिक्षण पेंसाकोला, फ्लोरिडा और सैन डिएगो में शुरू होगा।​ ​अमेरिका के विदेशी सैन्य बिक्री मार्ग के माध्यम से खरीद प्रक्रिया की ‘खरीदें (वैश्विक)’ श्रेणी के तहत खरीदे जा रहे हेलीकॉप्टर लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाए गए हैं। अगले तीन वर्षों में सभी 24 ​​हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना को दिए जाएंगे।​​

​भारत ने ​फरवरी​,​ 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान 24 एमएच-60 ​रोमियो ​​हेलीकॉप्टर​ के​ लिए 2.2 ​अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।​ यह हेलीकॉप्टर ​मिलने पर भारतीय नौसेना के उड़ान बेड़े ​की क्षमता बढ़ेगी।​ ​नौसेना ​का ध्यान ​विशेष हेलीकाप्टरों के एक नए बेड़े के साथ समुद्र के ऊपर अपनी वायु शक्ति को बढ़ाने के मिशन पर है। इन बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों से अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों को मजबूत किया जाएगा। ​रोमियो ​​हेलीकॉप्टर​​ ​उन ​42/42​ए हेलीकॉप्टरों ​की भरपाई करेंगे जिन्हें 1990 के दशक में हटा दिया गया था। ये नए हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध, जहाज-विरोधी हड़ताल, विशेष समुद्री अभियान, खोज और बचाव कार्यों सहित आक्रामक और रक्षात्मक भूमिकाओं में तेज गति देंगे।

​अमेरिका से ​​भारतीय नौसेना को यह ​रोमियो ​​हेलीकॉप्टर​​ ऐसे समय पर ​मिल रहे हैं जब भारत ​हिन्द महासागर में चीनी पनडुब्बियों और जंगी जहाजों ​की घुसपैठ का सामना कर रहा है। सी हॉक में लगे राडार और सेंसर न केवल पानी के अंदर पनडुब्बियों की पहचान करने में सक्षम होंगे बल्कि समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे। इस खूंखार शिकारी से हरेक पनडुब्‍बी का कैप्‍टन डरता है।यह हेलिकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है क्योंकि इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं। पनडुब्बियों को निशाना बनाने के लिए इसमें पनडुब्बीरोधी एकेटी एमके 50 या एमके 46 एक्टिव/पैसिव टॉरपीडो को लॉन्च किया जा सकता है। सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीनगन को भी लगाया जा सकता है।