पश्चिम बंगाल चुनाव: CM ममता बनर्जी को भरे मंच से क्यों करना पड़ा ‘चंडी पाठ’-देखे VIDEO

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी लड़ाई नंदीग्राम में ही लड़ी जानी है। यहां से कल ममता बनर्जी नामांकन भरने वाली हैं। लेकिन नामांकन से एक दिन पहले ही दीदी ने नंदीग्राम के रण से हुंकार भर दी है। यहां पहुंचते ही ममता बनर्जी ने बीजेपी पर चौतरफा हमला बोला। नंदीग्राम से दीदी ने बीजेपी पर उसी की पिच से सियासी शॉट्स लगाये। बीजेपी के जयश्रीराम के जवाब में ममता ने मंच से चंडीपाठ करके बीजेपी के खिलाफ चुनावी जंग और तेज कर दी है। लेकिन दीदी ने उनके मुकाबले में खड़े  बीजेपी नेता शुभेंद्र अधिकारी पर खुलकर कुछ भी नहीं बोला। ममता बनर्जी के इस सियासी दांव से साफ है की वो इस लड़ाई को ममता बनाम शुभेंद्र नहीं बनाना चाहती है। वो बंगाल के लिए सीधे केंद्र से टकरा रही हैं।

दीदी के विरोधी भी जानते है कि उनका जूनुन और जिद ही है। जिसकी वजह से उन्होंने सालों से चली आ रही लेफ्ट की सत्ता को पश्चिम बंगाल से उखाड़ फेंका था। लेकिन बीजेपी ने यहीं से शुभेंदु को मैदान में उतारकर दीदी को सियासी चक्रव्यूह में फंसाने का बड़ा दांव खेला है। लेकिन दीदी भी नंदीग्राम से बंगाल की नब्ज टटोलने में माहिर हैं। दीदी ने आज मंच से ना सिर्फ मंत्रोच्चार किया बल्कि रैली के बाद चंडी मंदिर में जाकर पूजापाठ भी किया।

बंगाल की राजनीति में टीएमसी को शून्य से शिखर पर पहुंचाने वाले नंदीग्राम से एक बार फिर ममता बनर्जी ने महासंग्राम का शंखनाद कर दिया है। नंदीग्राम के रणक्षेत्र से दीदी ने बीजेपी के तुष्टिकरण के आरोपों को लेकर कड़ा प्रहार किया।

बता दें, ममता ने परंपरागत भवानीपुर की सीट छोड़ बंगाल की उस सीट से लड़ने का मन बनाया है। जिसने 10 साल पहले लेफ्ट की सत्ता को उखाड़ने की पटकथा लिखी थी और सत्ता का ताज ममता के सिर पहनाया था। भूमि अधिग्रहण के विरोध में नंदीग्राम आंदोलन से ही 2011 में टीएमसी सत्ता में आई थीं। तब शुभेंदु अधिकारी उनके साथ थे। लेकिन आज वो उनके खिलाफ मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

नंदीग्राम के रण में ममता सीधे शुभेंदु अधिकारी का नाम लेने से बच रही हैं। ऐसा करके दीदी मतदाताओं को संदेश देना चाहती है की शुभेंद्र का सियासी कद उनके सामने बौना है। लेकिन ममता के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे शुभेंदु का नाम भी नंदीग्राम में बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। शुभेंदु इस बार भले ही बीजेपी का कमल खिलाने के लिए अखाड़े में उतरे हो। लेकिन यहां के लोगों में उनकी पकड़ को हल्के में कतई नहीं लिया जा सकता। ऐसे में जाहिर है की दोनों के बीच मुकाबला कांटे का होने वाला है।

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