पुलवामा आतंकी हमले में कानपुर का लाल शहीद

सचिन त्रिपाठी

ख़बर मिलते ही घर में मचा कोहराम
– चार दिन पहले ही ड्यूटी पर गए थे

कानपुर । जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार शाम हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 42 जवानों में कानपुर देहात के वीर सपूत श्याम बाबू का भी नाम शामिल है । शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। श्याम बाबू के निधन के बाद उनकी पत्नी व दो मासूमों का रो रो कर बुरा हाल है ।

डेरापुर थाना क्षेत्र के नोनारी गांव के मजरा रैगवां निवासी किसान राम प्रसाद के दो बेटों में श्यामबाबू बड़े थे। छोटा बेटा कमलेश प्राइवेट नौकरी करता है। पिता ने बताया कि श्याम बाबू की शादी करीब छह साल पहले हुई थी। उसके चार साल का बेटा और छह महीने की एक बेटी है। मकान बनाने का काम चल रहा था, इसके चलते कुछ दिनों से श्याम बाबू छुट्टी पर आए थे। 29 जनवरी को ड्यूटी पर गए थे और 1 फरवरी को फिर से लौट आए थे। 10 फरवरी को फिर ड्यूटी पर चले गए थे।

गुरुवार को सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हमले की खबर के बाद परिवार चिंतित हो गया था। मीडिया व अन्य माध्यमों से श्यामबाबू के शहीद होने की सूचना परिजनों को मिल रही थी। शाम करीब करीब साढ़े छह बजे डेरापुर थाने के सिपाही ने घर जाकर सूचना दी। इसके बाद घर में कोहराम मच गया। घर के बाहर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई । हर कोई श्यामबाबू की बातें करते नज़र आ रहा था ।

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